जीएसवीएम आइबैंक में 24 घंटे नेत्रदान की सुविधा
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के आइबैंक में 24 घंटे नेत्रदान की सुविधा उपलब्ध है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के आइबैंक में 24 घंटे नेत्रदान की सुविधा उपलब्ध है। गुरुवार को नेत्रदान पखवारे पर एलएलआर अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार ने आइबैंक का नंबर लांच किया। प्राचार्य ने कहा कि अंधत्व दूर करने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा।
नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान ने कहा कि नेत्रदान के लिए पुरानी मान्यता से हटकर नई सोच के साथ युवा आगे आएं। अपनों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करें। परिजनों की जिम्मेदारी बनती है कि मरणोपरांत सूचना देकर कार्निया सुरक्षित कराएं। इसके लिए आइबैंक के फोन नंबर पर सूचना दे सकते हैं। इसकी सुविधा 24 घंटे उपलब्ध है। मेडिकल कॉलेज आइबैंक की प्रभारी एवं कार्निया प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. शालिनी मोहन ने कहा कि नेत्रदान जागरूकता को 25 अगस्त-8 सितंबर तक नेत्रदान पखवारा मनाया जा रहा है ताकि हर व्यक्ति नेत्रदान का संकल्प लेकर अंधता दूर करने में सहभागी बन सके। पहले आइबैंक में साल में 20-25 नेत्रदान होते थे। इस वर्ष अगस्त तक 70 नेत्रदान हुए हैं। वहीं विभाग में अब तक 400 से अधिक निश्शुल्क कॉर्निया प्रत्यारोपण किए गए हैं। कार्यक्रम में एलएलआर अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके मौर्या, नेत्र रोग के प्रोफेसर डॉ. आरएन कुशवाहा, डॉ. पारुल सिंह, जूनियर रेजीडेंट स्वतंत्र मिश्र एवं नेत्रदान काउंसलर महेश मौजूद रहे।
ऐसे कर रहे जागरूक
एलएलआर अस्पताल के ओपीडी पर्चे पर नेत्रदान जागरूकता के स्टिकर लगाए जा रहे हैं। शहर भर में 25 नेत्रदान जागरूकता के बैनर, 2000 पोस्टर एवं 5000 नेत्रदान जागरूकता के ब्रोशर वितरित किए जा रहे हैं।
कार्निया खराब होने की वजह
- बच्चों में विटामिन ए की कमी।
- मोतियाबिंद आपरेशन के बाद इंफेक्शन से।
- कार्निया में किसी तरह का संक्रमण।
नेत्रदान के लिए करें संपर्क
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज आइबैंक का नंबर 6306571766 है। नेत्रदान का संकल्प पत्र नहीं भरने वाले भी सूचना देकर नेत्रदान कर सकते हैं। नेत्रदान में काली पुतली निकाली जाती है, पूरी आंख नहीं। इससे चेहरे पर कोई विकृति नहीं आती है।