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    Flash Back Kanpur : 18 साल पहले यतीमखाना से ही भड़के बवाल में शहीद हो गए थे एडीएम पाठक

    By AbhishekEdited By:
    Updated: Sun, 22 Dec 2019 01:22 PM (IST)

    16 मार्च 2001 को यतीमखाना चौराहे पर हुए बवाल के बाद पुलिस चौकी स्थापित की गई थी।

    Flash Back Kanpur : 18 साल पहले यतीमखाना से ही भड़के बवाल में शहीद हो गए थे एडीएम पाठक

    कानपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा ने 18 साल पहले हुए बवाल की याद दिला थी। शनिवार को दूसरे दिन यतीमखाना चौराहे पर उपद्रव के समय एडीएम सीपी पाठक की हत्या की घटना एक बार फिर जेहन में ताजा हो गई। वर्ष 2001 में इसी जगह पर भड़की हिंसा के बाद पुलिस चौकी स्थापित की गई थी, जिसे शनिवार को हुए बवाल में भीड़ ने फूंक दिया।

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    परेड स्थित यतीमखाना चौराहा कई सालों से अतिसंवेदनशील रहा है। 16 मार्च 2001 को यहीं से बवाल शुरू हुआ था। नई सड़क पर उपद्रव को नियंत्रित करने के दौरान तत्कालीन एडीएम वित्त सीपी पाठक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से पहले यतीमखाना के पास कोई पुलिस कंट्रोल नहीं था। सारी कमान कर्नलगंज थाना और बेकनगंज थाना के माध्यम से होती थी।

    16 मार्च 2001 को यतीमखाना चौराहा पर प्रदर्शन करते हुए हुजूम चल रहा था। अचानक भीड़ उग्र हो गई और नवीन मार्केट, परेड मुर्गा मार्केट व सोमदत्त प्लाजा समेत कई स्थानों पर पथराव होने लगा। यतीमखाना चौराहे पर कई वाहन फूंक दिए गए। इस घटना के बाद ही यतीमखाना चौराहा पर पुलिस चौकी स्थापित की गई। इस पुलिस चौकी से दादा मियां तक कंट्रोल किया जाता है।