यूपी में धरती के भगवान का करिश्मा, 2 घंटे में 76 बार एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन देकर बचाई लड़के की जान
Kannauj Snakebite Case कन्नौज में 14 वर्षीय लड़के को कोबरा ने काट लिया। स्थिति गंभीर होने पर डाक्टरों ने मात्र दो घंटे में 76 बार एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन दिए। समय पर इलाज और डाक्टरों की तत्परता से लड़के की जान बच गई। यह घटना मेडिकल जगत में एक चमत्कार की तरह मानी जा रही है।

जागरण संवाददाता, कन्नौज। बेहद जहरीले कोबरा सांप ने किशोर को डस लिया। हालत बिगड़ती देख चिकित्सकों ने दो घंटे में 76 एंटी स्नेक वेनम लगाकर किशोर की जान बचाई। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इंटरनेट मीडिया पर ट्वीट कर चिकित्सकों की सराहना कर किशोर की जान बचाने पर बधाई दी है। चिकित्सकों का दावा है कि देश में पहली बार दो घंटे में 76 एंटी स्नेक वेनम लगाकर किशोर की जान बचाने में सफलता पाई गई है।
सदर कोतवाली क्षेत्र के उदैतापुर निवासी किसान दिलीप कुमार की आर्थिक हालत कमजोर है। घर में चूल्हे पर खाना बनाने के लिए 15 अगस्त की सुबह आठ बजे बड़े भाई सूरज के साथ 14 वर्षीय किशोर करन गांव के बाहर बाग में लकड़ियां एकत्र कर रहा था। इस दौरान उसे जहरीले कोबरा ने डस लिया। यह देखकर आसपास मौजूद किसानों ने डंडे से कोबरा को पीटकर मारा डाला।
सूरज ने प्लास्टिक के डिब्बे में सांप को बंद कर लिया और बगैर देर किए भाई करन को जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। यहां इमरजेंसी में डा. हरि माधव शरण और डा. निकेतन सक्सेना ने करन का उपचार शुरू किया। सांप का जहर कम न होने पर दो घंटे तक प्रत्येक डेढ़ मिनट में 76 एंटी स्नेक वेनम का डोज देकर किशोर की जान बचाई।
चिकित्सक हरि माधव शरण का कहना है कि अभी देश में कोबरा को काटने पर 55 एंटी स्नेक वेनम लगाए जा चुके हैं, लेकिन पहली बार किसी मरीज को 76 वेनम लगाकर जान बचाई गई है।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इंटरनेट मीडिया पर ट्वीट कर चिकित्सकों को बधाई दी हैं। उन्होंने कहा कि किशोर की जान बचाने वाले चिकित्सकों और कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा।
चिकित्सकों को धरती पर भगवान का रूप कहा जाता है। उनके द्वारा किए गए चिकित्सकीय कार्य मरीज की जान बचाते हैं। ऐसा ही एक मामला कन्नौज में सामने आया है।
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) August 16, 2025
कन्नौज के उदैतापुर (मानीमऊ) निवासी श्री करन (14 वर्ष) पुत्र श्री दिलीप जी को 15 अगस्त की सुबह 08:20 बजे सर्पदंश से पीड़ित होने पर…
पल भर की देरी होती, तो नहीं बचती जान
दरअसल जिला अस्पताल से सिर्फ चार किलोमीटर दूर उदैतापुर गांव की दूरी है। इससे करन को कोबरा के डसते ही सूरज तत्काल भाई करन को एक ग्रामीण की मदद से आठ मिनट में उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंच गया। इससे समय रहते उपचार शुरू हो गया। जिला अस्पताल के सीएमएस डा. शक्ति वसु का कहना है कि कोबरा सबसे जहरीला सांप होता है। अगर पल भर की देरी अस्पताल पहुंचने में हो जाती, तो शायद करन की जान बचाना मुश्किल हो जाता।
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