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    Online Gaming App के नाम पर फर्जीवाड़ा, हर खेलने वाला हारता, गिरफ्तार 10 साइबर ठग ने खोले राज

    By amit kuswaha Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Sat, 23 Aug 2025 09:21 PM (IST)

    कन्नौज पुलिस ने फर्जी गेमिंग ऐप के जरिए साइबर ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये धोखेबाज गेम की नकल कर लोगों को ठगते थे हारने पर पैसे गिरोह के खातों में जमा होते थे जिसमें करोड़ों रुपये पाए गए। गिरोह के सदस्य फिलीपींस और नेपाल के सिम कार्ड से नेटवर्क चलाते थे।

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    ठगों के बारे में जानकारी देते एसपी विनोद कुमार और सीओ अभिषेक प्रताप।  जागरण 

    जागरण संवाददाता, कन्नौज।  आनलाइन गेमिंग एप के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। साइबर ठगों नामी कंपनियों के नाम से आनलाइन गेमिंग एप तैयार किए। इसके बाद इसमें जो भी बाजी लगातार उसकी हार निश्चित थी। ऐसा करके करोड़ों ठगी की। पुलिस ने 10 ठगों को पकड़ा तो ये राज खुले। 

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    इंटरनेट मीडिया पर फर्जी गेमिंग ऐप के जरिए लोगों से साइबर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के 10 ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पंजीकृत गेम की नकल कर ये ठग समूह बनाकर साथियों के खातों से लिंक कराते हैं। इससे गेम खेलने वाले व्यक्ति के हारने पर रुपये सीधे गिरोह के साथियों के कारपोरेट अकाउंट में जमा होते थे। इससे गिरोह के साथियों के अकाउंट में डेढ़ करोड़ से लेकर 25 कराेड़ तक डिपाजिट पाए गए हैं। गिरोह के फरार तीन मुख्य आरोपितों ने ऐप से फिलीपींस और नेपाल के सिम नंबरों से पूरे देश में गेमिंग ठगी का नेटवर्क तैयार किया है।

    ये लोग चढ़े हत्थे

    सदर कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार की रात न्यू दिल्ली के एच-140 विकासपुरी थाना विकासपुरी निवासी मोहित चोपड़ा, नई दिल्ली के ई-48/5 महावीर विहार कंजावला थाना कंजावला निवासी संदीप गुप्ता, संतकबीरनगर के बखिरा थाना के बघुआ निवासी अजीत कुमार, अमेठी के थाना जगदीशपुर के रामपुर गोसार्क निवासी सतीश कुमार मौर्य, लखनऊ के थाना मडियाव के श्याम विहार कालोनी फजुल्लागंज निवासी आशुतोष कुमार, लखनऊ के एफ-1248 राजाजीपुर थाना ताल कटोरा निवासी यश श्रीवास्तव, लखनऊ के मकान नंबर 526 फत्तेपुर अलीगंज थाना अलीगंज निवासी आयुष पाल, लखनऊ के रामलीला मैदान नौबस्ता पुलिया थाना मडियाव निवासी मोहम्मद साहिल, आजमगढ़ के कस्बा और थाना फूलपुर निवासी अमित गुप्ता और प्रतापगढ़ के डोमीपुर थाना जिठवारा निवासी अंकित सिंह को गिरफ्तार किया है।

    25 करोड़ रुपये तक जमा इनके खाते में

    पुलिस की छानबीन में सामने आया कि गिरफ्तार गिरोह इंटरनेट मीडिया पर पंजीकृत गेम की नकली साइट और ऐप तैयार कर लोगों से रोजाना करोड़ों रुपये की ठगी करता था। फर्जी गेम ऐप की खासियत यह है कि खेलने वाला हर हाल में बाजी हार जाता है। गेम से लिंक गिरोह के साथियों के नाम बैंकों में खुले कारपोरेट अकाउंट में यह धनराशि जमा होती है। इससे कमीशन के आधार पर ये लोग आपस में बांट लेते थे। गिरफ्त में आए मोहम्मद साहिल के एक खाते में 25 करोड़, अजीत के खाते में डेढ़ करोड़ और अंकित सिंह के खाते में सात करोड़ रुपये जमा हैं।

    दो लग्जरी कार भी बरामद

    एसपी विनोद कुमार ने बताया कि गिरोह चार स्तर पर विभाजित हैं। पहले स्तर में गोरखपुर का शनि मौर्य, दिल्ली निवासी अर्जुन और लखनऊ निवासी आयुष शुक्ला शामिल हैं। ये लोग अभी फरार हैं। दूसरे स्तर में शामिल ठगों को मीडिया के नाम से संबोधित करते हैं। ये लोग फर्जी गेम का प्रचार कर जनता को इससे जोड़ते हैं। वहीं, तीसरे स्तर में कारपोरेट अकाउंट धारक होते हैं, जिनके खाते में रुपये जमा होते हैं। चौथे स्तर वाले लोग गिरोह का विस्तार करने के लिए ऐसे लोगों को खोजते थे, जिनके पैन कार्ड, बैंक खाता, आधार कार्ड जैसी दस्तावेज लेकर उनके खातों में रुपये जमाकर उपयोग करते थे। गिरफ्तार ठगों के कब्जे से पुलिस ने दो लग्जरी कार, 13 मोबाइल फोन, 17 सिम, 1.76 लाख रुपये बरामद किए हैं। पूछताछ के बाद सभी को जेल भेज दिया गया है।

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    इस तरह पकड़े गए

    दिल्ली निवासी ठग मोहित चोपड़ा और संदीप गुप्ता ने गुरुवार को दिल्ली से किराये पर लखनऊ जाने के लिए कार बुक की थी। कार चालक हरदोई जनपद का निवासी था। गुरुवार को दोनों ने लखनऊ के एक होटल में लखनऊ निवासी आशुतोष, यश श्रीवास्तव और आयुष पाल से मुलाकात की थी। शुक्रवार की रात मोहित चोपड़ा और संदीप दिल्ली लौट रहे थे, तभी उन्नाव में चालक ने कहा कि कार का भुगतान कर दीजिए उसे रुपयों की जरूरत है। इससे मोहित चोपड़ा ने चालक से अभद्रता करते हुए विवाद शुरू कर दिया। कन्नौज पहुंचने पर हरदोई मोड़ के सामने चालक ने कार को रोक दिया और डायल 112 कर पुलिस को बुला लिया तो गिरोह का खुलासा हुआ।

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