Jhansi: मुस्लिम दोस्तों ने हिन्दू दोस्त के शव को दिया कंधा, रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार भी कराया
Jhansi News झांसी में हिंदू-मुस्लिम की एकता की मिसाल एक बार फिर पेश की गई है। यहां एक अधेड़ की ऑटो चलाने वालों के बीच में अच्छी दोस्ती थी। लेकिन जब से वह पत्नी बच्चों से विवाद होने के बाद अलग रहने लगा तो शराब का आदी हो गया। बीमार हुआ तो दोस्तों ने उसका उपचार कराया और मृत्यु होने पर शव को कंधा दिया।

झांसी, संवाद सूत्र। ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले एक अधेड़ की ऑटो चलाने वालों के बीच में अच्छी दोस्ती थी। लेकिन जब से वह पत्नी, बच्चों से विवाद होने के बाद अलग रहने लगा तो शराब का आदी हो गया। बीमार हुआ तो दोस्तों ने उसका उपचार कराया। उपचार के दौरान मौत हो गई तो मुस्लिम दोस्तों न हिन्दू रीति-रिवाज से उसका अन्तिम संस्कार कराया। पत्नी ने मुखाग्नि दी।
भाईचारे की पेश की मिशाल
थाना सीपरी बाजार के नन्दनपुरा निवासी फूलसिंह कुशवाहा (55) ऑटो चलाता था। पत्नी मीना ने बताया कि उनकी लगभग 35 साल पहले फूलसिंह से शादी हुयी थी। उनकी दो पुत्री और एक पुत्र है। लगभग 15 साल पहले पति शराब पीने लगे थे, जिससे अक्सर विवाद होने लगा था।
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पति अकेले रहते थे और ऑटो चलाते थे। लगभग 3 माह पहले उनकी तबीयत खराब हो गयी, जिस पर उनके दोस्त इरशाद खान, फखरुद्दीन, मुन्ना खां, मसूद अहमद, रिंकू आदि ने उनका उपचार कराया और मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया था। इलाज के दौरान बीते रोज उनकी मृत्यु हो गयी थी, जिस पर उनके शव को लावारिस मानकर पोस्टमॉर्टम हाउस में पहुंचा दिया था।
मुस्लिम दोस्तों ने शव को कंधा दिया
राजाराम स्वयं सेवी संस्था के संरक्षक श्याम सुन्दर शर्मा ने बताया कि जब उनको व दोस्तों को पता चला कि उनका साथी फूलसिंह की मृत्यु हो गयी, तो वह पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे।
फूलसिंह की पत्नी मीना को सूचना दी, जिस पर वह आ गयी। फूलसिंह की शिनाख्त करते हुए ऑटो चालक मुस्लिम दोस्तों ने शव को कन्धा दिया और नन्दनपुरा मुक्तिधाम पर उसका रात को अन्तिम संस्कार कराया। फूलसिंह को पुत्र बाहर होने की वजह से वह नहीं आया, जिस पर पत्नी मीना ने मुखाग्नि दी।
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