बुंदेलखंड के मसालों और खाद्यान्न को मिला 'एगमार्क', सरकार की योजनाओं से बढ़ रहा एग्रो बिजनेस का दायरा
उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र को एग्रो-प्रोडक्शन और एग्रो-बिजनेस के हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रयासरत है। झांसी के 'श्री खाटू श्याम जी ...और पढ़ें
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झांसी के खाद्यान्न और मसालों को मिला एगमार्क
डिजिटल डेस्क, झांसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र को एग्रो-प्रोडक्शन और एग्रो-बिजनेस के नए हब के रूप में विकसित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में झांसी जनपद ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यहाँ के 'श्री खाटू श्याम जी फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड' (FPO) को खाद्यान्न और मसालों की श्रेणियों के लिए भारत सरकार द्वारा एगमार्क (Agmark) प्रदान किया गया है। झांसी मंडल के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी एफपीओ के उत्पादों को उनकी शुद्धता और गुणवत्ता के लिए यह प्रतिष्ठित मानक प्राप्त हुआ है।
गुणवत्ता की गारंटी बना 'एगमार्क' भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा दिया जाने वाला एगमार्क, खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाला एक आधिकारिक मानक है। प्रदेश सरकार के कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग ने इस प्रक्रिया में एफपीओ का मार्गदर्शन किया और आवेदन को निदेशालय तक पहुँचाया। विभाग की इसी सक्रियता का परिणाम है कि अब झांसी के स्थानीय उत्पाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरेंगे।
300 किसानों की मेहनत को मिली पहचान चिरगांव देहात स्थित इस एफपीओ की डायरेक्टर पूजा राजपूत ने बताया कि वर्तमान में संस्था से 300 किसान सीधे तौर पर जुड़े हैं। अभी मुख्य रूप से हल्दी, धनिया, मिर्च और पोहा तैयार किया जा रहा है। एगमार्क मिलने से न केवल उपभोक्ताओं को मिलावट रहित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ मिलेंगे, बल्कि बिचौलियों की भूमिका खत्म होने से किसानों की आमदनी में भी भारी इजाफा होगा। आने वाले समय में एफपीओ अपने उत्पादों की रेंज बढ़ाने की योजना पर भी काम कर रहा है।
पारदर्शी प्रक्रिया और भविष्य की राह झांसी के ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक प्रखर कुमार ने स्पष्ट किया कि एगमार्क का उपयोग एक निर्धारित और सख्त प्रक्रिया के तहत किया जाता है। इससे उत्पाद की शुद्धता प्रमाणित होती है और बाजार में ब्रांड वैल्यू बढ़ती है। योगी सरकार का यह कदम बुंदेलखंड के अन्य एफपीओ के लिए भी प्रेरणा का केंद्र बनेगा, जिससे क्षेत्र में एग्रो-प्रोसेसिंग यूनिट्स और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।

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