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    अतुल सुभाष केस में निकिता को कौन सी सजा मिलेगी? बीएनएस की धारा 108 में दर्ज है एफआईआर

    Updated: Sun, 15 Dec 2024 10:58 PM (IST)

    बेंगलुरु में अतुल सुभाष की मौत मामले में उनके भाई विकास ने मराठाहल्ली थाना में निकिता उनकी मां निशा सिंघानिया भाई अनुराग सिंघानिया और ताऊ सुशील के खिलाफ धारा 108 व 3(5) बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज कराई है। इस धारा के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष तक कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है।

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    धारा 108 बीएनएस गैर जमानती व सेशन कोर्ट द्वारा विचारणीय है, जिसमें बिना वारंट गिरफ्तारी हो सकती है।

    संवाद सहयोगी, जौनपुर। निकिता, उनकी मां निशा सिंघानिया व भाई अनुराग सिंघानिया, ताऊ सुशील के विरुद्ध अतुल सुभाष के भाई विकास ने धारा 108 व 3(5) बीएनएस में नौ दिसंबर को मराठाहल्ली थाना बेंगलुरु में एफआईआर दर्ज कराई है। 

    बीएनएस की धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित है। इसके तहत यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है और जो कोई ऐसा करने के लिए उकसाता करता है उसे 10 वर्ष तक कारावास की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगेगा।

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    धारा 3(5) बीएनएस में जब कोई अपराध कई व्यक्तियों द्वारा एक राय होकर किया जाता है तो ऐसे व्यक्तियों में से प्रत्येक व्यक्ति उस कार्य के लिए उसी प्रकार उत्तरदाई है। इसके लिए सभी को समान दंड मिलेगा। धारा 108 बीएनएस गैर जमानती व सेशन कोर्ट द्वारा विचारणीय है, जिसमें बिना वारंट गिरफ्तारी हो सकती है।

     

    क्या कहते हैं कानून के जानकार?

    विधि जानकारों का कहना है कि भविष्य में यदि अतुल मामले में आत्महत्या के आरोपी बेंगलुरु कोर्ट में ट्रायल के बाद दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 10 वर्ष तक कारावास व जुर्माने से दंडित किया जाएगा। 

    ट्रांजिट रिमांड के प्रश्न पर अधिवक्ता उमेश शुक्ला, अभिषेक भारद्वाज व प्रवीण सोलंकी का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति दूसरे जिले या प्रांत में गिरफ्तार होता है और जिस जिले में अपराध किया गया है वहां पहुंचने में 24 घंटे से ज्यादा का समय लगता है तो जहां गिरफ्तार किया गया है वहां की कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड बनवाया जाना आवश्यक है। 

    गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर जहां अपराध हुआ है उससे संबंधित कोर्ट में पेश करना जरूरी है, लेकिन यदि आरोपी 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी वाले स्थान से अपराध वाले स्थान से संबंधित कोर्ट में पहुंचा दिया जाता है तो ट्रांजिट रिमांड की आवश्यकता नहीं है। पहले धारा 167 सीआरपीसी में यह व्यवस्था थी। अब यह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 187 है।

    गौरतलब है कि अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में बेंगलुरू पुलिस ने उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया को गिरफ्तार किया है। निकिता की गिरफ्तारी शनिवार को गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित ब्लॉसम स्टेज पीजी से हुई है। बताया जाता है कि निकिता सिंघानिया एक्सेंचर इंडिया कंपनी में बतौर सीनियर एआई इंजीनियरिंग कंसल्टेंट के पद पर नौकरी करती है। यह कंपनी मुख्य रूप से आईटी कंसल्टिंग, टेक्नोलॉजी सर्विसेज और बिजनेस ऑपरेशंस में विशेषज्ञता रखती है।

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