नियुक्ति प्रक्रिया पर जताया विरोध, बहिष्कार
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में शनिवार को कार्य परिषद की बैठक हुई। इसमें बिना एजेंडे में शामिल किए शिक्षकों की नियुक्ति का लिफाफा खोले जाने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल द्वारा नामित सदस्यों ने विरोध जताया और बैठक का बहिष्कार कर दिया। विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में कार्य परिषद की बैठक 11.30 बजे कुलपति प्रो.राजाराम यादव की अध्यक्षता में शुरू हुई। इसमें सबसे पहले गोल्ड मेडलिस्टों व उपाधि धारकों को डिग्री देने पर सहमति दी गई।
जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर): वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में शनिवार को कार्य परिषद की बैठक हुई। इसमें बिना एजेंडे में शामिल किए शिक्षकों की नियुक्ति का लिफाफा खोले जाने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल द्वारा नामित सदस्यों ने विरोध जताया और बैठक का बहिष्कार कर दिया।
कुलपति सभागार में कार्य परिषद की बैठक सुबह लगभग 11.30 बजे कुलपति प्रो. राजाराम यादव की अध्यक्षता में शुरू हुई। सबसे पहले गोल्ड मेडलिस्ट व उपाधि धारकों को डिग्री देने पर सहमति दी गई। इसके बाद बिना एजेंडे में शामिल स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सामने आया। इस पर राज्यपाल द्वारा नामित सदस्य डा. दीनानाथ सिंह व डा. हरिहर प्रसाद सिंह ने विरोध किया। इन सदस्यों का आरोप था कि नियुक्ति प्रक्रिया सभी सदस्यों के समक्ष रखी जाए। विरोध जताने वाले सदस्यों ने कहा कि मामले की शिकायत राज्यपाल से करेंगे। इस मौके पर कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, एफओ एमके सिंह, परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. राम नारायण आदि मौजूद रहे।
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बोले कुलपति
इस बाबत कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर सरकार, यूजीसी व शासन का दबाव है। पूछा जाता है कि प्रक्रिया कब तक पूरी होगी, ऐसे में लिफाफा खोला गया। सभी नियुक्तियां राजभवन की अनुमति व जीओ के आधार पर विशेषज्ञों द्वारा कराई गई। जरूरी नहीं कि मामले को एजेंडे में रखा जाए।