फर्जी कागजात बनाकर भाई के मकान पर लिया नौ लाख का लोन, एडीजी के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
जौनपुर के मछलीशहर में एक व्यक्ति ने अपने भाई के मकान पर फर्जी कागजात बनाकर नौ लाख रुपये का लोन ले लिया। एडीजी के आदेश पर पुलिस ने भाई भाभी और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। पीड़ित जितेंद्र गुप्त ने बताया कि इलाज के लिए उन्हें लोन की आवश्यकता थी।

जागरण संवाददाता, जौनपुर। मछलीशहर कोतवाली पुलिस ने फर्जी कागजात तैयार कर भाई के नाम पर मकान पर नौ लाख रुपये का लोन लेने के मामले में एडीजी वाराणसी के निर्देश पर भाई सहित तीन लोगों के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला जौनपुर नगर के विशेषरपुर थाना लाइन बाजार निवासी जितेंद्र गुप्त द्वारा दर्ज कराए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर सामने आया है।
जितेंद्र गुप्त ने बताया कि उनका मूल निवास कस्बा खिंसुवा खास मछलीशहर है। उन्होंने अपने भाई अनिल के साथ मिलकर 1997 में एक जमीन खरीदी थी। दोनों भाइयों ने अपने खर्चे से उस पर मकान और दुकान का निर्माण कराया। इसी दौरान, जितेंद्र को हृदय संबंधी बीमारी के कारण जौनपुर शहर आना पड़ा। इलाज के लिए पैसे की कमी के चलते जब उन्होंने अपने मकान पर लोन लेने के लिए यूनियन बैंक की शाखा मछलीशहर का रुख किया, तो उन्हें पता चला कि उनके मकान पर पहले से ही शक्ति इंटर प्राइजेज के नाम से नौ लाख रुपये का लोन लिया गया है।
शक्ति इंटर प्राइजेज की प्रोपराइटर उनके भाई की पत्नी ज्योति अग्रहरि हैं। जब जितेंद्र ने अपने भाई से इस बारे में बात की, तो अनिल ने स्वीकार किया कि लोन लिया गया है और यह भी कहा कि बैंक मैनेजर उनके परिचित हैं। जब जितेंद्र ने बैंक मैनेजर से बात की, तो उन्होंने कहा कि लोन उनकी सहमति से लिया गया है, जबकि ऐसा कुछ नहीं था। जितेंद्र ने कहा कि मकान के कागजात उनके पास हैं। जब उन्होंने अपने भाई से पुनः पूछा, तो अनिल ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
जितेंद्र ने 21 जुलाई को कोतवाली और पुलिस अधीक्षक के पास प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः एडीजी के निर्देश पर पुलिस ने भाई अनिल अग्रहरि, शक्ति इंटरप्राइजेज की प्रोपराइटर ज्योति अग्रहरि और सत्यम के खिलाफ बुधवार को मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और सभी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार करने की योजना बनाई जा रही है।
यह मामला जालसाजी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों से भरा हुआ है, जो न केवल परिवार के भीतर के संबंधों को प्रभावित करता है, बल्कि समाज में भी एक चेतावनी के रूप में उभरता है। पुलिस की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि कानून सभी के लिए समान है और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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