चाचा का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र लगाकर चचेरी बहन और उसके बेटे अपने नाम करा ली जमीन, जांच में खुली पोल
जौनपुर में एक अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में छह आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। आरोप है कि एक महिला ने अपने चाचा के नाम की जमीन, फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर अपने और अपने बच्चों के नाम करा ली। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया मामले को गंभीर मानते हुए पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं।

एसीजेएम प्रथम ने छह आरोपितों पर धोखाधड़ी व जालसाजी का मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश। जागरण
जागरण संवाददाता, जौनपुर। धोखाधड़ी व जालसाजी के मामले में एसीजेएम प्रथम कोर्ट ने छह आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश थानाध्यक्ष मड़ियाहूं को दिया। एफआईआर की कापी सात दिन के अंदर कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश हुआ।
आरोप है कि वादी के चाचा के नाम की जमीन उनकी बेटी ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर अपने और अपने बच्चों के नाम करा ली। छोटेलाल निवासी ग्राम गहली थाना बरसठी ने अखिलेश, संतोष, अरुण निवासी प्रयागराज, गायत्री देवी निवासी जफराबाद, उर्मिला व किशोरी लाल निवासी भदरांव बरसठी के खिलाफ अधिवक्ता अवधेश तिवारी के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया कि वादी के चाचा विद्या प्रसाद की मृत्यु 29 सितंबर 1993 को हो गई थी।
उनका अंतिम क्रिया कर्म सब वादी ने ही किया और विद्या प्रसाद की विवाहित पुत्रियों शकुंतला व गायत्री को भी आमंत्रित किया। विद्या प्रसाद की संपत्ति ग्राम गहली पर वादी के पिता संकठा आदि वारिसानों का नाम सरकारी कागजात पर दर्ज हुआ लेकिन हल्का लेखपाल द्वारा भूलवश विद्या प्रसाद की शेष भूमि पर वादीपक्ष का नाम अंकित होने से छूट गया।
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कुछ समय बीतने के बाद विद्या प्रसाद की पुत्री गायत्री व पुत्री शकुंतला के पुत्र गण अखिलेश, संतोष व अरुण व उनके परिवार वालों की नियत खराब हो गई।साजिश व षड्यंत्र करके जाली और फर्जी कूटरचित मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कराकर विद्या प्रसाद की मृत्यु 29 सितंबर 1993 की जगह 12 अक्टूबर 2005 अंकित कराया तथा फर्जी मृत्यु प्रमाण के पत्र के आधार पर तत्कालीन लेखपाल आदि को मिलाकर वादी के चाचा के नाम की वादी की जमीन अपने नाम अंतरित करा लिया। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया गंभीर मामला पाते हुए आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का थानाध्यक्ष को आदेश दिया।

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