जौनपुर में सर्पदंश से पौत्री की मौत, दादी अचेत, गंभीर अवस्था में अस्तपाल में भर्ती
जौनपुर के मड़ियाहूं क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना हुई। अहमदपुर गांव में सर्पदंश से एक सात वर्षीय बच्ची अंशिका की मृत्यु हो गई जबकि उसकी दादी मैना देवी गंभीर रूप से बीमार हैं। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना ने गांव में शोक की लहर फैला दी है और सर्पदंश के प्रति जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया है।

जागरण संवाददाता, जौनपुर। मड़ियाहूं क्षेत्र के अहमदपुर गांव में शनिवार की भोर में एक दुखद घटना घटी, जब सोते समय दादी और उनकी पौत्री को सर्प ने डंस लिया। इस घटना में सात वर्षीय अंशिका की मौत हो गई, जबकि उनकी दादी मैना देवी अचेत हो गईं। उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के अनुसार, मैना देवी शुक्रवार की रात अपनी पौत्री अंशिका के साथ एक ही चारपाई पर सोई थीं। भोर में अचानक सर्प के डंसने से दोनों की नींद खुल गई। जब उन्होंने शोर मचाया, तो परिवार के सदस्य तुरंत उनकी मदद के लिए दौड़े। आनन-फानन में उन्हें एक निजी चिकित्सक के पास ले जाया गया। चिकित्सक ने अंशिका को देखते ही मृत घोषित कर दिया, जिससे परिवार में कोहराम मच गया। वहीं, मैना देवी को गंभीर स्थिति में जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उनका उपचार जारी है।
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अंशिका की मौत से परिवार के सदस्य गहरे सदमे में हैं और उनका रो-रोकर बुरा हाल है। इस घटना ने गांव में शोक की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सर्पदंश की घटनाएं अक्सर होती हैं, लेकिन इस बार का मामला बेहद दुखद है।
गांव के प्रधान ने बताया कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को सर्पों के प्रति सतर्क रहना चाहिए और सर्पदंश की स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए।
इस घटना ने यह भी दर्शाया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और सर्पदंश के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है। कई बार लोग सर्पदंश के बाद समय पर इलाज नहीं करवा पाते, जिससे जान का नुकसान होता है।
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अंशिका की मौत ने न केवल उसके परिवार को बल्कि पूरे गांव को प्रभावित किया है। लोग इस घटना को लेकर चर्चा कर रहे हैं और इसे एक चेतावनी के रूप में देख रहे हैं। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। सर्पदंश के मामलों में समय पर उपचार और जागरूकता ही सबसे बड़ा उपाय है।
इस घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें अपने आसपास के वातावरण के प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। इस दुखद घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि जीवन कितना अनिश्चित है और हमें हर सतर्कता बरतनी चाहिए।
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