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    डिजिटल डायरी बनाकर की जाएगी सामुदायिक शौचालयों की निगरानी, 15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 03:02 PM (IST)

    जौनपुर में सामुदायिक शौचालयों की उपयोगिता बढ़ाने और रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए अब डिजिटल डायरी से निगरानी की जाएगी। ब्लॉक स्तरीय कर्मचारी शौचालयों क ...और पढ़ें

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    डिजिटल डायरी बनाकर की जाएगी सामुदायिक शौचालयों की निगरानी।

    जागरण संवाददाता, जौनपुर। भारी-भरकम बजट खर्च कर बनाए गए सामुदायिक शौचालय अब निष्प्रयोज्य नहीं रहेंगे। स्वच्छ भारत मिशन को गति देने व ग्रामीणों को इसके उपयोग को बढ़ाने के लिए व्यवस्था बदल दी गई है। अब इसकी निगरानी डिजिटल डायरी बनाकर होगी। मसलन, ब्लॉक स्तरीय कर्मचारियों को शौचालयों की फोटो खींच बताना होगा कि यह प्रयोग में है। इसकी रोजाना रिपोर्ट तैयार होगी व प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा होगी।

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    जिले के सभी 1734 गांवों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया। इसके रख-रखाव के लिए केयर टेकरों को रखा गया है व नौ हजार रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। बावजूद इसके अधिकांश सामुदायिक शौचालयों में ताले लटके रहते हैं।

    जिलाधिकारी से लेकर मुख्य विकास अधिकारी तक इसके संचालन के लिए काफी जोर दिया, लेकिन सूरत नहीं बदली। अब इस नई व्यवस्था को बेहतरी के रूप में देखा जा रहा है।

    इस पहल से न सिर्फ इसकी उपयोगिता बढ़ेगी, बल्कि शासन की मंशा भी सिद्ध हो सकेगी। सामुदायिक शौचालयों के संचालन की जिम्मेदारी समूहों को दी गई है। कुछ समय पहले जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र की ओर से प्रत्येक सामुदायिक शौचालयों पर केयर टेकरों का नंबर व इसके खुलने व बंद होने के समय अंकित कराने का निर्देश दिया था।

    हालांकि इसका अभी पूरी तरह अमल नहीं हो सका है। अधिकांश सामुदायिक शौचालयों के बंद होने से ग्रामीण इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।

    इसके साथ ही देख-रेख के अभाव में किसी का दरवाजा टूट गया है तो किसी में पानी की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में निगरानी बढ़ाए जाने से व्यवस्था भी बेहतर होने की उम्मीद जग गई है।

    डिजिटल डायरी के तहत ये होगा कार्य

    डिजिटल डायरी से सामुदायिक शौचालयों की निगरानी आनलाइन की जाएगी। एडीओ पंचायतों की यह जिम्मेदारी होगी कि वह सचिवों के माध्यम से चल रहे सामुदायिक शौचालयों की फोटो मंगवाएंगे व डीपीआरओ कार्यालय में उपलब्ध कराएंगे।

    स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक के पास इसका पूरा डिजिटल रिकार्ड उपलब्ध रहेगा। इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि किस गांव में सामुदायिक शौचालय चल रहा है व किस गांव में ताला बंद है।

    सभी सामुदायिक शौचालयों की मानीटरिंग अब डिजिटल माध्यम से की जाएगी। सभी एडीओ पंचायतों को निर्देशित किया गया है कि वह ग्राम पंचायतों से सामुदायिक शौचालयों के क्रियाशील होने का प्रमाण पत्र लेंगे। साथ ही साक्ष्य के रूप में इसकी फोटो भी उपलब्ध कराएंगे। इसे सभी के लिए अनिवार्य किया गया है। -नवीन सिंह, डीपीआरओ।