खाकी वर्दी में शातिर अपराधी थी मीनाक्षी, वीडियो बना दरोगा-सिपाहियों को करती थी ब्लैकमेल...शौक भी निराले
उरई में कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की मौत के बाद सिपाही मीनाक्षी शर्मा के कई राज खुले हैं। वह वर्दी की जगह ब्रांडेड कपड़े पहनती थी और पुलिसकर् ...और पढ़ें
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मीनाक्षी शर्मा, आरोपित। स्रोत पुलिस
जागरण संवाददाता, उरई। कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की मौत के बाद आरोपित सिपाही मीनाक्षी शर्मा के कई चौंकाने वाले राजफाश हो रहे हैं। कभी वर्दी की जगह ब्रांडेड कपड़े पहनकर ड्यूटी पर आना तो कभी थाना प्रभारी और सिपाहियों को झड़प देना। ये ही नहीं आरोपित मोबाइल से वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल तक करती थी। पांच थानों तक उसका ब्लैकमेलिंग का जाल फैला है। एसआइटी की टीम की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
पांच दिसंबर शुक्रवार रात कुठौंद थाना परिसर में बने आवास में थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की दाई कनपटी में गोली लगी थी। उनकी सर्विस रिवाल्वर से ही गोली चली थी। इस बीच उनके कमरे से डायल-112 में कार्यरत सिपाही मीनाक्षी शर्मा चिल्लाते हुए निकली। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया था। फिर उनकी पत्नी माया देवी ने महिला सिपाही पर हत्या का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने उसे सात दिसंबर को जेल भेज दिया था।

मेरठ भागने की फिराक में थी मीनाक्षी
घटना के बाद मीनाक्षी बस से उरई पहुंची और मेरठ भागने की फिराक में थी लेकिन उसके पहले ही सर्विलांस टीम ने मोबाइल नंबर ट्रेस करके उसके गिरफ्तार कर लिया था। अरुण कुमार राय को घायल हालत में देख भागी तो बाहर खड़ा उसका सहयोगी सिपाही भाग चुका था। इसके बाद वह परेशान हो गई थी। उसे कुछ नहीं सूझा तो पैदल वह माधौगढ़ तिराहा पर पहुंची और वहां से बस पकड़कर सीधे उरई के बस स्टैंड आ गई थी। इधर थाना प्रभारी अरुण कुमार राय के मौत की सूचना व मीनाक्षी के वहां जाने पर पुलिस अधीक्षक डा. दुर्गेश कुमार का शव उस पर गहरा गया था। वह कहीं भाग न जाए इसके पहले ही उन्होंने टीम लगाकर उसके मोबाइल नंबर को ट्रैस कराकर बस स्टैंड से उसे गिरफ्तार करवा लिया था। मीनाक्षी ने बताया था कि वह मेरठ जा रही थी इसके पहले फोन बंद करती पुलिस कर्मियों ने उसे पकड़ लिया था।
मीनाक्षी के मोहपाश से नहीं निकल पा रहे थे कई पुलिस कर्मी
घटना वाले दिन मीनाक्षी मेरठ से आई थी। इसके बाद उसने थाने के एक सिपाही को फोन किया कि उसे कुठौंद तक लेकर चले। उसके मोहपाश में फंसा सिपाही तुरंत अपनी बाइक लेकर उसके बताए स्थान पर आ गया था। इसके बाद रात में ही वह मीनाक्षी को लेकर कुठौंद थाने के बाहर तक गया। जहां उसने मीनाक्षी को गांव से अरुण कुमार राय के आवास तक जाने वाले रास्ते पर छोड़ दिया था। इसके बाद वह सड़क पर एक सुनसान स्थान पर खड़ा होकर उसके वापस आने का इंतजार करने लगा। जब मीनाक्षी ने उसे फोन करके घटना की जानकारी दी तो तुरंत ही बाइक लेकर वहां से भाग निकला था। वह कौन सिपाही है जिससे अभी तक पूछताछ भी नहीं की गई है यह बड़ा सवाल है।
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तीन दिन और 100 काल
महिला सिपाही मीनाक्षी से तीन मोबाइल फोन व चार सिम मिले थे। जब काल डिटेल निकाली गई, तो उसमें 72 घंटों में 100 से अधिक काल अरुण कुमार राय को की थीं। जिसमें व्हाट्सएप काल भी शामिल हैं। इसकी जांच की जा रही है। मीनाक्षी के मोबाइल नंबरों की जांच की गई तो उसमें दारोगा से लेकर कई थानों के सिपाहियों से भी बातचीत करने का पता चला है। फोन में कोंच, नदीगांव, कुठौंद व उरई के सिपाहियों के नंबर मिले हैं।
7 दिन से थाना प्रभारी के आवास में ही रुकी थी मीनाक्षी
थाना प्रभारी संत कबीर नगर जिले के घनघटा थाना क्षेत्र के रजनौली गांव के मूल निवासी थे। उनका परिवार गोरखपुर जिले में गोरखनाथ मंदिर के पास बी-117 आवास विकास कालोनी विकास नगर विस्तार में रहता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मेरठ जिले के थाना फलावदा के ग्राम दांदूपुर की रहने वाली महिला सिपाही करीब एक सप्ताह से थाना प्रभारी के आवास पर रुकी हुई थी। उसकी तैनाती कोंच में थी और वह 11 दिन से ड्यूटी से गैरहाजिर चल रही थी।
तीन मोबाइल रखती थी मीनाक्षी
मेरठ निवासी मीनाक्षी के पास हमेशा तीन मोबाइल रहते थे। जिसमें वह दो मोबाइलों का उपयोग बात करने के लिए किया करती थी। जबकि तीसरे मोबाइल से वह दारोगा व सिपाहियों का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का काम करती थी। इस पूरे मामले की अब एसआइटी की पांच सदस्यीय टीम जांच कर रही है। जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।
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चैट ने खोले राज
कमरे से महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा के निकलने और भाग जाने की सीसी फुटेज मिली थी। जब उसके मोबाइल काल व व्हाट्स ऐप चैट की जांच हुई तो सारा राज खुल गया इस पर शर्म से उसकी गर्दन झुक गई। मंगलवार को उसके पिता व भाई ने जेल में मुलाकात की। वहीं, पुलिस को कई सवालों के जवाब नहीं दिए। इस पर जब कड़ाई की तो उसने कहा कि साहब पिता जैसे थे। उसके मोबाइल फोन की काल डिटेल व व्हाट्स ऐप चैट दिखाई गई, तो शर्म से उसकी गर्दन झुक गई थी।
कई दरोगा सिपाही को फंसाया
सूत्रों की मानें तो पीलीभीत, बरेली में रहने के बाद महिला सिपाही मीनाक्षी जिले में आई थी। वहां पर कई दारोगा व सिपाहियों को अपने जाल में फंसाकर ब्लैकमेल कर चुकी थी। उसका यह खेल जिले में भी शुरु हुआ तो दारोगा अरुण कुमार राय की जान लेने के बाद कानूनी कार्रवाई होने पर थमा। जिले के कई दारोगा व सिपाही भी उसके संपर्क में रहे।
कई नामचीनों से थी परिचय
जब उसके काल रिकार्ड खंगाले गए तो बड़ा खुलासा हुआ था लेकिन इसे कार्रवाई की जद में रहकर दबा दिया गया। जबकि सूत्रों का कहना है कि मीनाक्षी के कोंच, नदीगांव, डकोर, उरई व कुठौंद के दारोगा व सिपाहियों से बातचीत की बात उजागर हुई थी। अब मामले में एसआइटी की टीम गठित की गई तो वह भी हर बिंदु पर जांच कर रही है।
बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू
एसआइटी व पुलिस विभाग का शिकंजा मीनाक्षी पर कसता जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अभी महिला सिपाही को निलंबित किया जा चुका है। मीनाक्षी शर्मा दारोगा, सिपाहियों का उत्पीड़न करने से बाज नहीं आ रही थी। पीलीभीत, बरेली व जालौन में उसने कइयों का उत्पीड़न भी किया है। इसके अलावा कुछ दारोगा व सिपाही घटना वाले दिन तक कई बार उसको फोन किए थे। जबकि वह उसके कार्य क्षेत्र में भी नहीं हैं।
कुंभ ड्यूटी में एक सिपाही को मीनाक्षी ने किया था ब्लैकमेल
एसआईटी जांच में सामने आया है कि एक मामला पिछले साल प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुआ था। जहां पर जिले से टुकड़ियों में फोर्स को भेजा गया था। इसमें महिला सिपाही के रूप में मीनाक्षी को भी भेजा गया था। मीनाक्षी ने कुंभ ड्यूटी के दौरान भी एक सिपाही को अपने जाल में फंसाकर उसे ब्लैकमेल किया था। इसके बाद उस सिपाही ने मोटी रकम देकर अपना पीछा छुड़ाया था।
आप मुझे जानते नहीं दो मिनट में निपटा दूंगी...
कुठौंद थाना प्रभारी अरुण कुमार राय की मौत के बाद हत्यारोपित महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा के रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। जिले में उसके कई दारोगा व सिपाहियों से संबंध उजागर हुए हैं। इनसे उसे संरक्षण मिलता था इसी कारण वह हर किसी से अभद्रता करती थी। सूत्रों ने बताया कि कोंच कोतवाली में मीनाक्षी शर्मा की तैनाती के दौरान तत्कालीन कोतवाली प्रभारी ने ड्यूटी पर जाने के लिए जब उससे कहा तो उसने कहा कि दूसरे महिला सिपाही को भेज दें। इस पर जब उन्होंने उसे फटकार लगाई तो वह झट से बोली कि आप मुझे जानते नहीं हैं दो मिनट में निपटा दूंगी...। इसके बाद मीनाक्षी ने उच्च अधिकारियों से झूठी शिकायत की थी।
लाली हम छुड़ा लेंगे
मीनाक्षी रविवार की शाम को जेल जा रही थी। इस दौरान न्यायालय में पहुंचे पिता दांदूपुर थाना फलावदी मेरठ निवासी विपिन कुमार शर्मा ने बेटी से कहा था कि लाली चिंता न कर हम तुझे छुड़ा लेंगे। इससे उसके हौसला और बढ़े हुए नजर आ रहे थे। जिस कारण वह पूरी अकड़ के साथ जेल जाते हुए दिखी थी। पीलीभीत में जब मीनाक्षी ने सिपाही मोहित खोखर को प्रेम जाल में फंसा लिया तो उसकी कुछ रिकार्डिंग कर ली थीं। जिसके बाद उसके पिता व भाई ने मोहित को ब्लैकमेल करते 25 लाख की मांग की थी। बाद में सिपाही ने जब अपने घर के लोगों को यह बात बताई तो उनके सहयोग से वह किसी तरह बड़ी मुश्किल से बच सका था।
पीलीभीत से जालौन तक कई दारोगा, सिपाहियों को किया ब्लैकमेल
महिला सिपाही के ब्लैकमेलिंग का कच्चा चिट्ठा खुलने लगा है। वर्ष 2022 में पीलीभीत के पूरनपुर थाने में तैनाती के दौरान उसने एक सिपाही को प्रेम जाल में फंसाकर ब्लैकमेल किया था। इसके अलावा बरेली और फिर जालौन में उसका यह ब्लैकमेल करने का काम चलता रहा। मीनाक्षी पहले दारोगा, सिपाहियों को अपने जाल में फंसाती थी फिर उनसे मोटी रकम की मांग करती थी। इसमें उसके पिता व भाई सहयोग करते थे।
वर्दी की जगह ब्रांडेड कपड़े पहनकर ड्यूटी करती थी मीनाक्षी
वह कोतवाली में रहकर कभी भी वर्दी नहीं पहनती थी बल्कि ब्रांडेड कपड़ों में रहती थी। जब उसकी डायल 112 में ड्यूटी लगी तो उसे वर्दी पहननी पड़ रही थी और उसका जलवा भी कम हो गया था। इस कारण वह भागदौड़ करके वापस कोतवाली में तैनाती चाहती थी इसी कारण वह अनुपस्थित रहती थी। सूत्रों ने बताया कि दिवंगत थाना प्रभारी ने मीनाक्षी को समय-समय पर महंगे गिफ्ट भी देते थे। इनमें महंगे कपड़े, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रानिक सामान थे। वह जब आवास लेकर पहुंचती थी तो किसी में हिम्मत नहीं थी कि उससे पूछताछ करे। फिलहाल हर एंगल पर पुलिस जांच में जुटी हुई है।
कुठौंद थाना प्रभारी अरुण की मौत के बाद प्रत्येक बिंदु पर एसआइटी की टीम जांच कर रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रदीप कुमार वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक

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