1000-500 के नोटों की पाबंदी से मायावती ज्यादा बेचैन : उमा भारती
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि पांच सौ व एक हजार के पुराने नोट बंद होने से सबसे ज्यादा बेचैन बसपा प्रमुख मायावती ही होंगी।

जालौन (जेएनएन)। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सपा, बसपा व कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि तीनों ही पार्टियां जातिगत जनाधार की राजनीति करती हैं। तीनों ही दल काले धन से चुनाव लडऩे व जातीय गणित के आधार पर टिकट बांटने का काम करते हैं। पांच सौ व एक हजार के पुराने नोट बंद होने से सबसे ज्यादा बेचैन बसपा प्रमुख मायावती ही होंगी।
आज भाजपा की परिवर्तन यात्रा के दौरान कोंच में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 500 व 1000 के नोट बंद कर ऐतिहासिक व साहसिक फैसला किया है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि नोटों पर पाबंदी के बाद बसपा प्रमुख मायावती को ढंग से नींद नहीं आ रही होगी। वह सबसे ज्यादा बेचैन दिख रही हैं, जो समझ से परे है। पार्टी का टिकट बेचकर जो पैसा उन्होंने जमा कर रखा है वह उन्हें निकाल देना चाहिए। वह मायावती को विश्वास दिलाती हैं कि उनके द्वारा जो पैसा निकाला जाएगा, उससे स्कूल, अस्पताल खोलवाएंगी। जहां दलितों की ही पढ़ाई और इलाज होगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने तो अपनी छाती पर हाथ रखकर प्रधानमंत्री के इस साहसिक फैसले को सही मानकर स्वागत कर दिया है, परंतु कांग्रेस अब भी परेशान है क्योंकि कांग्रेस के नेता बिस्तरों में रुपये छिपाते हैं। उत्तर प्रदेश के चुनावों में प्रधानमंत्री के इस फैसले से काफी असर पडऩे की बात कहते हुए उमा भारती ने जनता को महादेव की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि अब महादेव रूपी जनता को अपनी तीसरी आंख खोलकर परिवर्तन लाना है। बुंदेलखंड की मुख्य समस्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां आवारा पशुओं की विकट समस्या है जिसे हमने और आपने ने ही खड़ा किया है। लोगों ने जानवरों तथा बाड़ों को खत्म कर दिया है। गाय जब तक दूध देती है तब तक ही बांधते हैं उसके बाद उसे पशुओं आवारा छोड़ दिया जाता है जिससे किसानों की फसल चौपट हो रही है। समाज और सरकार दोनों ही इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।

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