कोहरे ने रोकी रफ्तार, 30 की रफ्तार से चल रहीं सुपरफास्ट ट्रेन, साढ़े तीन घंटे में कानपुर से उरई पहुंची गांधीनगर कैपिटल
घने कोहरे के कारण ट्रेनों की रफ्तार बेहद धीमी हो गई है, जिससे सवा–डेढ़ घंटे का सफर साढ़े तीन घंटे तक खिंच रहा है। इससे यात्रियों को भारी परेशान ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, उरई। कोहरे ने ट्रेनों का चाल इतनी मंद कर दी है कि सवा-डेढ़ घंटे का सफर साढ़े तीन घंटे में पूरा हो रहा है। इससे यात्री यात्रा करने में बुरी तरह थक रहे हैं। जनरल कोचों में पैर रखने तक की जगह नहीं है। ऐसे में उनके लिए यह यात्रा काफी दुष्कर साबित हो रही है। बुधवार की रात कानपुर से चली गांधीनगर कैपिटल साढ़े तीन से अधिक समय में उरई स्टेशन पर पहुंचीं। अगर दूरी के हिसाब से देखें तो ट्रेन की रफ्तार 30 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास रही। सुपरफास्ट ट्रेन होने की वजह से यह ट्रेन कहीं रुकी भी नहीं। फिर भी पैसेंजर से भी मंद गति से यहां पहुंची।
ट्रेन में यात्रा करने वाले रंजीत, अनुज, नमन, सार्थक ने बताया कि पूरी यात्रा उबाऊ रही। जनरल कोच में खड़े होने तक की जगह नहीं थी। सुपरफास्ट ट्रेन समझ कर बैठे थे, लेकिन पैसेंजर से भी धीमी रफ्तार रही। गोविंदपुरी से ट्रेन करीब सवा नौ बजे चली थी और रात पौने एक बजे यहां पहुंची। पूरी यात्रा बड़ी मुश्किल से कर पाए। दूरस्थ स्थानों पर जाने वालों के लिए यह स्थिति काफी दिक्कत भरी है।
सात घंटे की देरी से चल रहीं ट्रेनें, एक निरस्त
गोरखपुर, लखनऊ, प्रयागराज व पूर्वांचल में घना कोहरा होने की वजह से झांसी-कानपुर रेल खंड से गुजरने वाली ट्रेनें सात घंटे की देरी से चलीं। इसके अलावा झांसी में ट्रैक मरम्मत के काम के चलते कुछ ट्रेनों को निरस्त किया गया तो कई ट्रेनें परिवर्तित मार्ग से संचालित होने से यात्रियों को परेशानी हो रही है। गुरुवार को ग्वालियर से बरौनी जाने वाली छपरा मेल निरस्त रही तो बरौनी से ग्वालियर आने वाली छपरा मेल कानपुर गोविंदपुरी इटावा भिंड के रास्ते ग्वालियर पहुंची।
वही गोरखपुर से मुंबई जाने वाली संत कबीर नगर एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से चार घंटा देरी से आई। बनारस से इंदौर जाने वाली महाकाल एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से सात घंटे की देरी से आने की संभावना है। यह ट्रेन रात के 10:17 बजे के स्थान पर सुबह 5:26 बजे आने की संभावना है। मुंबई से गोरखपुर जाने नावी अंत्योदय एक्सप्रेस 2 घंटा 49 मिनट देरी से आई मुंबई से पनवेल जाने वाली पनवेल एक्सप्रेस दो घंटे छह मिनट देरी से आई।
कौन सी ट्रेन कितनी देरी से आई?
कानपुर से झांसी मेमू पैसेंजर ट्रेन एक घंटा पांच मिनट की देरी से आई। अहमदाबाद से दरभंगा जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस, गोरखपुर से तिरुअनंतपुरम जाने वाली ट्रेन नंबर 12511 राप्तीसागर एक्सप्रेस डेढ़-डेढ़ घंटे देरी से आई। दरभंगा से अहमदाबाद ट्रेन नंबर 19166 साबरमती एक्सप्रेस एक घंटा देरी से आई। गोरखपुर से मुंबई जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस एक घंटा, झांसी से लखनऊ जाने वाली मेमो पैसेंजर ट्रेन नंबर 64701 अपने निर्धारित समस्या डेढ़ घंटा देरी से आई।
इन ट्रेनों की देरी से आने की वजह से यात्रियों को सर्दी के मौसम में परेशानी हो रही है। वहीं कुछ ट्रेनों के रात की जगह सुबह आने की वजह से यात्री परेशान हैं। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर कोहरे में ट्रेनें धीमी गति से चल रही हैं। सभी ट्रेनों में फाग डिवाइस लगाई गई है। ट्रैक मरम्मत का काम अंतिम चरण में है, जल्द होते ही यात्रियों की परेशानी दूर हो जाएगी।

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