राप्ती एक्सप्रेस में लखनऊ के वनस्पति केंद्र के प्राचार्य से चोरी, 17 लाख के आभूषण ले गए चोर
राप्तीसागर एक्सप्रेस में लखनऊ के वनस्पति अनुसंधान केंद्र के प्राचार्य और उनकी पत्नी के साथ झांसी-ललितपुर के बीच 17 लाख रुपये के आभूषण चोरी हो गए। घटना के समय वे सो रहे थे। उन्होंने लखनऊ जीआरपी में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें रानीहार, मंगलसूत्र, और अन्य कीमती आभूषणों का उल्लेख है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

राप्ती सागर एक्सप्रेस से जेवरात चोरी। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, उरई। तिरुवनंतपुरम से गोरखपुर जाने वाली ट्रेन नंबर 12512 राप्तीसागर एक्सप्रेस के एसी एच-1 कोच में सफर कर रहे लखनऊ के केंद्रीय वनस्पति अनुसंधान केंद्र के प्राचार्य और उनकी पत्नी के साथ चोरी की घटना घट गई। झांसी और ललितपुर के बीच चोरों ने करीब 17 लाख रुपये के आभूषण चोरी कर लिए। उन्होंने इस मामले में लखनऊ के ऐशबाग स्टेशन पर जीआरपी को तहरीर दी है।
महाराष्ट्र के वर्धा जिले के हिंगटाघाट निवासी मनीष कुमार लखनऊ के केंद्रीय वनस्पति अनुसंधान केंद्र में प्राचार्य के पद पर तैनात हैं। उनकी ओर से दी गई तहरीर में कहा गया है कि वह अपनी पत्नी भाग्यश्री के साथ राप्तीसागर एक्सप्रेस से सोमवार की रात लखनऊ जा रहे थे। जब ट्रेन ललितपुर और झांसी के बीच से गुजर रही थी कि तभी उन्हें नींद आ गई और किसी ने उनके पर्स से आभूषण चोरी कर लिए। झांसी आने पर जब उनकी नींद खुली तो उन्होंने देखा कि पर्स से आभूषण गायब हैं। जब तक वह इसकी तहरीर जीआरपी झांसी में देते कि ट्रेन उरई की ओर रवाना हो गई।
इसके बाद उन्होंने रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर घटना की जानकारी दी। मंगलवार की सुबह करीब पांच बजकर 51 मिनट पर जैसे ही ट्रेन उरई प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी हुई, तो रेलवे सुरक्षा बल के जवान उनसे जानकारी लेने के लिए आ पाते उससे पहले ही ट्रेन चलने लगी। बाद में इसकी सूचना आरपीएफ उरई द्वारा कंट्रोल को दी गई।
पीड़ित ने लखनऊ पहुंचकर घटना की लिखित रूप से तहरीर स्टेशन के जीआरपी थाने ऐशबाग में दी। जिसमें उन्होंने बताया कि पर्स से चोरी हुई आभूषण में एक रानीहार, मंगलसूत्र, एक अंगूठी, कान की बालियां, एक सोने का कड़ा, एक चेन, कानोती आदि शामिल हैं। जिसकी कीमत भाग्यश्री और उनके पति मनीष द्वारा 15 से 17 लाख रुपये बताई गई है।
मनीष कुमार ने बताया कि वह दीपावली पर अपनी पत्नी भाग्यश्री के साथ अपने घर हिंगटाघाट गए थे। छुट्टी खत्म होने के बाद वह वापस लखनऊ जा रहे थे। उनका रिजर्वेशन एसी एच-1 कोच की सीट नंबर 13-14 ई केबिन था। उन्होंने बताया कि जब उनकी नींद खुली तब उनके केबिन की कुंडी खुली हुई थी।
आरपीएफ कमांडेंट विवेकानंद नारायण का कहना है कि घटना की जानकारी हुई है। जैसे ही लिखित रूप से तहरीर मिलती है तो जांच की जाएगी।
जीआरपी एसओ उरई नागेंद्र सरोज ने बताया कि इस तरह की घटना हमारी जानकारी में नहीं है।

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