कर्ज चुका नहीं पाने और फसल नष्ट होने से परेशान किसान ने दी जान, शव फंदे पर लटका देख बिलख पड़ी पत्नी
जालौन में रामकरन नामक एक 55 वर्षीय किसान ने बाढ़ के कारण 11 बीघा तिल की फसल बर्बाद होने और ऋण की चिंता के कारण आत्महत्या कर ली। किसान के भाई ने बताया कि उसके पास 15 बीघा जमीन थी जिसमें से 11 बीघा में तिल की फसल बोई गई थी जो बाढ़ में नष्ट हो गई। उसके ऊपर बैंक का भी कर्ज था जिसके कारण वह परेशान था।
जागरण संवाददाता, जालौन। बाढ़ से 11 बीघा तिल की फसल बर्बाद होने और ऋण पर लिए गए ट्रैक्टर की किस्त जमा करने की चिंता से परेशान 55 वर्षीय किसान रामकरन ने मंगलवार रात रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। बुधवार सुबह जब पत्नी सोकर उठी तो पति का शव फंदे पर लटका देख बिलख पड़ी।
उनके भाई जयकरन ने बताया कि उनके पास 15 बीघा जमीन है, जिसमें 11 बीघे में तिल की फसल बोई थी। यमुना की बाढ़ में तिल की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। इसके अलावा बैंक में किसान क्रेडिट कार्ड का 3.50 लाख का कर्ज था। फसल नष्ट होने से किसान को ट्रैक्टर की किस्त व कर्ज के भुगतान की चिंता सताने लगी।
थाना प्रभारी प्रभात कुमार सिंह का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम कालपी मनोज कुमार ने बताया कि यदि किसान की मौत का कारण फसल नष्ट होना है तो जांच करवाई जाएगी। जो संभव होगा परिवार को मदद दिलाई जाएगी।
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