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    कुरसंडा में मनीषा ने बदला 72 वर्ष का इतिहास

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 04 May 2021 04:34 AM (IST)

    उपलब्धि आजाद भारत में पहली बार एक परिवार से अलग बनीं प्रधान आजादी के बाद से अब तक एक ही परिवार के पास रही है प्रधानी ...और पढ़ें

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    कुरसंडा में मनीषा ने बदला 72 वर्ष का इतिहास

    संसू, हाथरस : सादाबाद में 72 वर्षों का इतिहास इस बार पंचायत चुनाव में बदल डाला। 72 वर्षों से पंचायत चुनाव पर कब्जा रखने वाले एक परिवार को नकार दूसरे परिवार की महिला को पंचायत के लोगों ने प्रधान बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

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    बात कर रहे हैं कुरसंडा ग्राम पंचायत की। इस पंचायत में लगभग 2 दर्जन गांव हैं। आज तक कोई भी गांव विकास से संतृप्त नहीं हो सका है। उसका मुख्य कारण है कि गांव की प्रधानी एक ही परिवार पर रही है। आरक्षण बदलने की स्थिति में इस परिवार ने जिसके सिर पर हाथ रखा वही व्यक्ति प्रधान बना, लेकिन वह रबर स्टांप बनकर ही रहा। विकास की जिम्मेदारी इसी परिवार की रही। इससे गांव का विकास रुक गया था। लोग विकास चाहते थे, इसलिए परंपरा को बदलते हुए 72 वर्ष बाद उस परिवार के खिलाफ अपना मतदान करते हुए दूसरे परिवार से जुड़ी महिला को पंचायत का प्रतिनिधित्व सौंपा है। यह प्रतिनिधित्व आशा और विश्वास के साथ सौंपा है कि गांव में विकास, खेलकूद के लिए स्टेडियम, सड़कों का जाल, पानी की किल्लत आदि समस्याओं को दूर किया जाएगा।

    इतिहास : ग्राम पंचायत कुरसंडा में जब से प्रधानी की शुरुआत हुई तभी से पूर्व सांसद व सहकारिता के जनक चौ. दिगंबर सिंह के परिवार का सानिध्य अधिकतर रहा है। ग्राम पंचायत कुरसंडा में तीन बार निर्विरोध प्रधान रहे चौ. गजाधर सिंह नंबरदार के बाद श्यामलाल हकीम निर्विरोध प्रधान हुए। उस समय 5 वर्ष वाद चुनाव न होने के कारण श्यामलाल हकीम 9 वर्ष तक प्रधान बने रहे। उनके बाद चौधरी प्रकाश सिंह निवासी नगला पदम भी निर्विरोध प्रधान हुए। उनके बाद दो बार चौधरी विनोद कुमार प्रधान रहे। हालांकि दूसरी बार के मध्य में चौ. विनोद कुमार का स्वर्गवास हो जाने के कारण उस समय उप प्रधान रहे चौधरी महावीर सिंह को प्रधान चुना गया था। उनके बाद चौ. अरविद कुमार प्रधान हुए उनके बाद हीरा देवी प्रधान हुई। इसी कार्यकाल में एक दुर्घटना में चौधरी अरविद कुमार की मृत्यु हो गई उनके बाद चौधरी विनोद कुमार के दूसरे भाई आदित्य चौधरी गांव आए और उन्होंने अपने सानिध्य में बाबूलाल सविता को चुनाव लड़ाया जो भारी बहुमत के साथ विजई हुए। उनके बाद गांव की प्रधान पद की सीट एससी हो जाने के कारण गांव की ही अनार देवी दिवाकर चुनाव जीतीं। उनके बाद सामान्य सीट से मधु चौधरी पत्नी स्वर्गीय अरविद चौधरी प्रधान बनीं। इस बार 2021 में चौधरी मनीषा सिंह पत्नी चौधरी रूपेंद्र सिंह नंबरदार विजयी हुई हैं।