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स्टेशन पर पांच घंटे इमरजेंसी जैसे हालात

मुसीबत की मार ट्रेनों के पहिए थमने से यात्रियों को उठानी पड़ी दिक्कतें समय पर न पहुंचने से यात्रियों के कई महत्वपूर्ण कार्य छूटे

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 01:13 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 01:13 AM (IST)
स्टेशन पर पांच घंटे इमरजेंसी जैसे हालात
स्टेशन पर पांच घंटे इमरजेंसी जैसे हालात

हाथरस : रेलवे टै्रक पर चक्का-जाम कर दिए जाने से जलेसर रोड से हाथरस जंक्शन स्टेशन के बीच कई ट्रेनें खड़ी रहीं। अफसरों से सही जवाब न मिलने से लोगों में आक्रोश दिखा। पांच घंटे तक यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

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धौरपुर रेलवे फाटक के निकट रेलवे ट्रैक बाधित किया गया था जिससे हाथरस जंक्शन स्टेशन पर कानपुर की ओर जाने वाली मुरी एक्सप्रेस तथा शताब्दी खड़ी थी। ट्रेनों में बैठे यात्रियों का बुरा हाल हो गया। एसी कोच में बिजली न आने से भी यात्रियों की परेशानी बढ़ गई। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से भी यात्रियों को सही जानकारी नहीं दी जा रही थी। जिन यात्रियों को अलीगढ़ या फीरोजाबाद आदि तक जाना था, उन्होंने ट्रेन छोड़ दिया और बसों के जरिए ही निकल पड़े। ट्रेनों के अंदर बैठे छोटे बच्चों का गर्मी से बुरा हाल था। स्टेशन पर पीने के पानी के लिए यात्रियों को भटकना पड़ा। ट्रेन से निकलकर लोग बाहर स्टेशन पर ही इंतजार करते रहे। मोबाइल फोन स्विच आफ हो जाने से भी कुछ यात्रियों की परेशानी बढ़ गई। दिल्ली, कानपुर और लखनऊ के लिए जाने वाले यात्री घंटों यहां फंसे रहे।

शताब्दी ट्रेन को दोपहर बारह बजे लखनऊ पहुंचना था, लेकिन 12:15 बजे ट्रैक खुलने के बाद हाथरस जंक्शन से ही रवाना हो सकी। सासनी रेलवे स्टेशन पर एक मालगाड़ी के अलावा शताब्दी एक्सप्रेस तथा नीलांचल एक्सप्रेस को रोका गया था। उसके यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। फ्लाइट मिस होने की टेंशन

कानपुर निवासी डॉ. अनूप व डॉ. हर्षिता को थाईलैंड जाना था। दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़नी थी। चक्का जाम हो जाने के कारण उन्हें अपनी ट्रेन छोड़नी पड़ी। काफी दूर तक पैदल चलने के बाद दोनों ने हाथरस जंक्शन से दूसरा वाहन करके अलीगढ़ पहुंचने की बात कही। दोनों डॉक्टरों का कहना था कि उन्हें थाईलैंड जाने के लिए दोपहर बाद दिल्ली से फ्लाइट पकड़नी है। इसलिए वे ट्रेन छोड़ने के लिए मजबूर हुए।

समय से नहीं पहुंचे मुकदमे में

दिल्ली निवासी एडवोकेट एसपीएस चौहान किसी महत्वपूर्ण मुकदमे के सिलसिले में लखनऊ जा रहे थे। लेकिन चक्का जाम हो जाने के कारण परेशानी झेलनी पड़ी। उन्होंने बताया कि अपनी बात रखने के लिए यह तरीका कुलियों का ठीक नहीं है। जर्मनी से लौटे, रास्ते में अटके

कानुपर में रहने वाली जसप्रीत कौर अपने परिवार के सदस्य सुरेंद्र मिश्रा के साथ दस दिन पूर्व जर्मनी गईं थीं। सुबह वापस आने के बाद उन्होंने दिल्ली से कानपुर के लिए ट्रेन पकड़ी। लेकिन चक्का जाम होने से परेशानी उठानी पड़ी। उन्होंने बताया कि पता नहीं था कि लंबा सफर करने के बाद इस तरह की परेशानी उठानी पड़ेगी।


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