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    Hathras Satsang Accident: सत्संग हादसे में मुख्य सेवादार समेत अन्य आयोजकों पर मुकदमा दर्ज , अब तक 116 की जा चुकी है जान

    Hathras Satsang Accident उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग में अचानक से भगदड़ मच गई जिससे वहां सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोग घायल हो गए। 116 मौतों की पुष्टि प्रशासन द्वारा हुई है। आगरा अलीगढ़ और हाथरस के अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है।

    By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 03 Jul 2024 08:19 AM (IST)
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    हादसे के बाद अपनों की तलाश में रोते बिलखते परिजन। जागरण

    जागरण संवाददाता, हाथरस। सिकंदराराऊ सत्संग में भगदड़ के मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार समेत अन्य आयोजकों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है। सिकंदराराऊ कोतवाली के अंतर्गत पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडे की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

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    इसमें कहा है कि जीटी रोड पर गांव फुलरई मुगलगढ़ी के बीच साकार विश्वहरि भोले बाबा के सत्संग आयोजन का कार्यक्रम प्रस्तावित था। मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर निवासी न्यू कालोनी दमदपुरा सिकंदराराऊ एवं अन्य सेवादार सहयोगी थे। आयोजनकर्ता द्वारा उक्त संगठन के पूर्ववर्ती कार्यक्रमों में जुटने वाली लाखों की भीड की स्थिति को छिपाते हुए करीब 80 हजार की भीड इकट्ठा होने की अनुमति मांगी गई।

    जिसके दृष्टिगत पुलिस-प्रशासन द्वारा एकत्र होने वाली भीड की सुरक्षा, शांति व्यवस्था एवं यातायात प्रबंधन किया गया। कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए प्रदेश के विभिन्न जनपदों एवं निकटवर्ती प्रदेशों से ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठी हो गई। आयोजक द्वारा अनुमति की शर्तों का पालन न नहीं किया गया।

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    जिसके चलते जीटी रोड पर यातायात अवरुद्ध हो गया। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा प्रवचन के उपरान्त गाड़ी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकले। तभी महिला, पुरुष व बच्चों द्वारा उनकी गाडी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया गया। लाखों की भीड़ के दवाब के कारण नीचे बैठे, झुके श्रृद्धालु दबने कुचलने लगे। चीखपुकार मच गयी।

    जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी एवं कीचड़ में बेतहाशा दबती कुचलती भागती भीड़ को आयोजन समिति एवं सेवादारों ने अपने हाथों में लिए डंडों से जबरदस्ती रोक दिया। इसके कारण भीड़ का दवाब बढ़ता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते कुचलते चले गए।

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    पुलिस-प्रशासनिक के टीम द्वारा घायल व्यक्तियों को उपलब्ध संसाधनों से अस्पताल भिजवाया गया, आयोजनकर्ताओं एवं सेवादारों द्वारा कोई सहयोग नहीं किया गया। इस गंभीर घटना के कारण अनेक लोग घायल हो गए। कई लोगों की मृत्यु हो गई। आयोजनकर्ताओं के ने कार्यक्रम में एकत्रित होने वाली भीड़ की संख्या को छिपाकर अत्याधिक लोगों को बुलाया गया था।

    कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण के लिए अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया गया। भीड़ से कुचले श्रद्धालुओं के मौके पर छूटे सामान, कपड़े, जूते-चप्पल को उठाकर निकटवर्ती खेत में फसल में फेककर साक्ष्य छिपाया गया।

    आयोजकों एवं सेवादारों के कृत्य से बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए हैं और गंभीर रूप से घायल हैं। कोतवाली सिकंदराराऊ के एसएचओ आशीष कुमार के मुताबिक इस मामले में भारतीय न्याय सहिता की धारा 105, 110, 126 (2), 223, 238 के अंतर्गम मुकदमा दर्ज किया गया है।