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    Hathras Stampede: मृतकों की संख्या हुई 121, मरने वालों में अधिकतर महिलाएं; CM योगी ने किया मुआवजे का एलान

    Updated: Tue, 02 Jul 2024 06:22 PM (IST)

    Hathras Stampede उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को बड़ी घटना घटित हुई। भोले बाबा के सत्संग में अचानक से भगदड़ मच गई जिससे वहां सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोग घायल हो गए। जबकि मृतकों की संख्या 130 के पार पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों और मृतकों के लिए मुआवजे का एलान किया है साथ ही जांच के लिए एक कमेटी भी बना दी है।

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    Hathras Stampede: हाथरस के सिंकदराराऊ में भगदड़ के बाद मचा कोहराम। जागरण

    Hathras Stampede: जागरण संवाददाता, हाथरस/एटा। जीटी रोड के किनारे डेढ़ सौ बीघा क्षेत्रफल में बनाए गए विशालकाय पांडाल में साकार विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार को अमंगल हो गया। सत्संग के बाद भाेले बाबा के काफिले को निकलने के लिए श्रद्धालुओं को रोका गया, लेकिन आयोजक भीड़ को नहीं संभाल पाए। बाबा का काफिला हाईवे पर पहुंचते ही बेकाबू हुई भीड़ में भगदड़ मच गई। भगदड़ में हाईवे के दूसरे किनारे पर खेत में एक के ऊपर एक गिरे श्रद्धालुओं में से 121 की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से ज्यादा घायल हुए हैं।

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    हादसे के बाद अफरा-तफरी

    हादसे के बाद घंटों तक चीत्कार मचा रहा। एक घंटे बाद प्रशासनिक अमला पहुंचा और राहत कार्य शुरू कराया गया। इतनी भीड़ जुटने के बाद भी प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। मूल रूप से कासगंज के पटियाली के रहने वाले साकार विश्व हरि भोले बाबा का माह के पहले मंगलवार को होने वाले मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम सिकंदराराऊ की समिति को सौंपा गया था।

    कस्बे से छह किमी दूर जीटी रोड के किनारे फुलरई गांव में डेढ़ सौ बीघा में पिछले 15 दिनों से तैयारियां चल रही थीं। इसके लिए प्रदेश के कई जिलों के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड से श्रद्धालु दो दिन पहले ही पहुंचने लगे।

    सुबह ही भर गया था पंडाल

    मंगलवार सुबह आठ बजे से ही पांडाल भर चुका था। दोपहर 12 बजे भोले बाबा अपनी पत्नी के साथ पहुंचे और सत्संग शुरू हुआ। दोपहर एक बजे सत्संग समाप्त हुआ और इसके बाद आरती शुरू हो गई। डेढ़ बजे बाबा का काफिला आयोजन स्थल से मैनपुरी के लिए निकला। इसके लिए मंच के बगल से हाईवे तक का रास्ता बनाया गया था।

    इस वजह से हुआ हादसा

    आयोजकों ने प्रवेश द्वार के पास भीड़ को रोक दिया। इससे पहले हजारों की संख्या में श्रद्धालु हाईवे के दूसरी तरफ दर्शन के लिए खड़े हो गए थे। जैसे ही बाबा का काफिला हाईवे पर प्रवेश द्वार के सामने पहुंचा, वैसे ही भीड़ दर्शन को दौड़ी। इसके बाद हालात बेकाबू हो गए। बाबा का काफिला आगे बढ़ा और हाईवे किनारे खड़े लोगों पर सामने से आए श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ा। इससे सैकड़ों श्रद्धालु गिरते हुए खेतों की तरफ भागे। इसके बाद एक के ऊपर एक लोग गिरते गए और चीख-पुकार मच गई।

     

    व्यवस्था में जुटे बाबा के सेवादारों ने दबे लोगों को निकाला, लेकिन तब तक कईयों के सांसें थम चुकी थीं। घटना की सूचना पर एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ समेत मंडल के अधिकारी पहुंचे गए और राहत कार्यों की स्थिति देखी। रात में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार भी पहुंच गए। शवों को हाथरस, एटा, अलीगढ़ और आगरा पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। वहीं घायलों का उपचार चल रहा है। सत्संग के बाद भोले बाबा को मैनपुरी के बिछवां पहुंचना था, लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे।

    आयोजन को लेकर लापरवाह रहा प्रशासन

    आयोजकों की ओर से प्रशासन से अनुमति ली गई, लेकिन प्रशासन ने भीड़ के बारे में जानकारी लिए बिना ही अनुमति पत्र जारी कर दिया। हाईवे किनारे डेढ़ लाख से ज्यादा की भीड़ जुटी, लेकिन सुरक्षा के नाम पर एक दर्जन पुलिसकर्मी लगाए गए थे। घटना के बाद अलीगढ़ मंडल के सभी जिलास्तरीय अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। घटना स्थल पर पहुंचे एडी हेल्थ मोहन झा ने बताया कि अलीगढ़, हाथरस, कासगंज व एटा जनपद के सभी जिला अस्पतालों में घायलों के उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है। अवकाश पर गए चिकित्सक व विशेषज्ञों को अस्पतालों में तैनात रहने को कहा है। दूसरी ओर, चारों जिलों में पोस्टमार्टम की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

    भीड़ को लेकर खुफिया तंत्र ने किया था अलर्ट

    सिकंदराराऊ में होने वाले भोले बाबा के सत्संग को लेकर पुलिस के खुफिया तंत्र ने अपनी रिपोर्ट सत्संग से पहले ही तैयार की थी। जिसमें यह कहा गया था कि सत्संग में सवा लाख से अधिक भीड़ जुटेगी। यहां पर एलआईयू ने अप्रिय घटना होने की आंशका भी रिपोर्ट में व्यक्त की थी, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदारों ने सत्संग में जुटने वाली भीड़ को गंभीरता से नहीं लिया और इसका परिणाम सामने आ गया। सत्संग समापन के बाद हुई भगदड़ में 100 से अधिक से भी अधिक जान चली गईं। अगर समय रहते अधिकारी खुफिया तंत्र की रिपोर्ट पर ध्यान देते तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता।

    पुलिस प्रशासन ने हेल्पलाइन किए जारी

    कोतवाली सिकंदराराऊ में हुए हादसे को लेकर पुलिस प्रशासन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा घटना की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 9259189726 और 9084382490 जारी किए गए हैं। इन नंबरों पर हादसे से जुड़े लोगों के बारे में उनके परिवार के लोग जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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