खुशियों भरे आंगन में छाया मौत का मातम! मुंडन कराकर लौट रहा था परिवार; हरदोई में 5 मौतों का जिम्मेदार कौन?
हरदोई में एक तेज रफ्तार लोडर ने पांच लोगों की जान ले ली। लोडर ने पुलिस बैरियर तोड़कर सड़क किनारे खड़े लोगों को कुचल दिया। मृतकों में संतराम उनकी पत्नी बहन और दो बच्चे शामिल हैं। घटना के बाद इलाके में मातम छा गया। पुलिस लोडर के कागजात की जांच कर रही है और चालक की तलाश जारी है।

जागरण संवाददाता, हरदोई। खुशियों के आंगन में होनी ने कोहराम मचा गया। घर से तो सभी लोग खुशी-खुशी निकले थे। लौटकर दावत भी होनी थी, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। सभी लोग ट्रैक्टर-ट्राली पर निकले। संतराम अपनी पत्नी के साथ बाइक से जा रहे थे, पर उनकी बहन भी अपनी पुत्री और भतीजे को लेकर बाइक पर बैठ गई।
शायद वह बाइक पर न जाती तो उसके समेत तीन जान बच जातीं। जैसे ही हादसे की खबर घर पहुंची खुशी के आंगन मेंं मौत का मातम छा गया: देखा जाए तो इस हादसे का कारण भी तेज रफ्तार ही बनी। लोडर की रफ्तार इतनी अधिक थी कि पुलिस के बैरियर को तो़ड़ता हुआ सभी को कुचलकर निकल गया।
हादसों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। नौ माह में 300 से अधिक मौतें हो चुकीं हैं। ज्यादातर हादसे वाहनों की तेज रफ्तार के कारण हो रहे हैं। लगातार मौतें हो रहीं हैं। सुरसा क्षेत्र में पांच लोगों की मौत का कारण भी रफ्तार ही रही। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लोडर ने पहले पुलिस का बैरियर तोड़ा। इसके बाद चालक सड़क पर तेज रफ्तार से लोडर दौड़ाते हुए लाया।
सड़क के किनारे खड़ी बाइक में टक्कर मारते हुए संतराम,उनकी पत्नी संगीता, बहन मोहिनी, भांजी गौरी, मोहिनी की ननद के बेटे वासू को कुचला। सभी को मौत की नींद सुनाने के बाद लोडर अनियंत्रित होकर खाईं जा घुसा। एसपी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि लोडर के कागजों की जांच की जा रही है। चालक की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगीं हैं। जल्द चालक को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
घर पहुंचने की जल्दी में बेटी समेत दुनिया से चली गई मोहिनी
बेटे के मुंडन को लेकर संदीप ने कथा कराई थी और उसी का समापन था। संदीप की पत्नी मोहिनी को आहुति डालनी थी, शायद तभी घर जल्दी पहुंचने के लिए मोहिनी अपनी पुत्री गौरी को लेकर भाई संतराम की बाइक पर सवार हो गई।
मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार संतराम जब बाइक रोककर ख़ड़े हुए तो मोहिनी की गोद में मौजूद उसकी पुत्री रोने लगी। तो मोहिनी बैठकर उसे स्तनपान कराने लगी और उसी बेटी को स्तनपान कराते-कराते मौत की नींद सो गई मोहिनी हादसे परिवार की खुशिंया ही छीन लीं।
मोहिनी के घर में बेटे के मुंडन की खुशियां थीं। भागवत कथा हो रही थी, समापन था। मोहिनी को पति के साथ हवन में आहुति डालनी थी। घर पहुंचने की जल्दी थी। पलक झपकते हादसा हो गया। बेटी को गोद में लिटा सड़क के किनारे बैठकर मोहिनी स्तनपान करा रही थी। पल भर में बेटी के साथ वह खुद मौत की नींद सो गई और उसी समय आए लोडर ने उसे कुचल दिया। बेटी के साथ वह मौत की नींद सो गई।
ट्राली पर बैठी मां से हमेशा के लिए दूर हो गया वासू
नरेंद्र का कहना है कि वह पत्नी और बेटे वासू के साथ साले के बेटे के मुंडन में आया था। ट्राली में सवारियां अधिक होने के कारण बेटे को संतराम के साथ भेज दिया। अगर बेटे को धूप से न बचाकर ट्राली में बैठा लिया होता तो वासू उसके दूर नहीं होता।
काश संतराम को याद रहते यातायात के नियम
मोटर साइकिल पर दो ही लोग चलें। इसके लिए सख्ती भी की जाती। अब यह मौत ही थी कि संतराम के साथ उसकी पत्नी और फिर बहन भी सवार हो गई और तो और बहन ने अपनी पुत्री और भतीजे को भी ले लिया और रास्ते में हादसा हो गया। लोगों का कहना है कि काश संतराम यातायात के नियम याद रखता तो न बाइक पर इतने लोग बैठते और न जान जाती।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।