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    यूपी के इस जिले में कोचिंग संस्थानों में रखने होंगे मनोचिकित्सक, नौ सदस्यीय टीम करेगी जांच

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 03:44 PM (IST)

    हरदोई में कोचिंग संस्थानों के छात्रों को मानसिक तनाव से बचाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है। प्रत्येक संस्थान में मनोचिकित्सक की तैनाती अनिवार्य है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय टीम जांच करेगी। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार है ताकि छात्रों में हीन भावना न आए। जनपद में संचालित पांच सौ से अधिक कोचिंग संस्थानों पर अब प्रशासन की नज़र रहेगी।

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    हरदोई में कोचिंग संस्थानों को मनोचिकित्सक रखने के निर्देश।

    जागरण संवाददाता, हरदोई। कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों को मानसिक तनाव न हो और उनका जीवन संकट में न पड़े। इसके लिए सभी कोचिंग संस्थानों को नई गाइड लाइन के अनुसार मानकों को पूरा करना होगा। विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए प्रत्येक कोचिंग संस्थान में मनोचिकित्सक की तैनाती अनिवार्य रूप से करनी होगी।

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    कोचिंग की जांच के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय टीम बनाई गई हैं, जो जल्द ही कोचिंग की जांच शुरू कर विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी।

    जनपद में वर्तमान में करीब पांच सौ से अधिक काेचिंग संचालित हो रही है, शासन की ओर से कोचिंग के लिए गाइड लाइन पूर्व में ही जारी की चुकी है। जिसका पालन कराने के लिए विभागीय स्तर पर टीमें जांच कर रही है।

    कोचिंग के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के सापेक्ष शासन की ओर से कोचिंग में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के संबंध में गाइड लाइन जारी की गई है, जिसके तहत कोचिंग में विद्यार्थियों के साथ मूल्यांकन के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।

    वहीं, उनकी सुरक्षा के लिए सभी मानक पूरे करने होंगे। विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की दौड़ में आत्महत्या व हीन भावना को रोकने के लिए उनकी काउंसलिंग करने के निर्देश दिए गए है।

    इसके लिए जिन कोचिंग संस्थान में सौ से अधिक बच्चे हैं, वहां पर एक मनोचिकित्सक की तैनाती अनिवार्य रूप से होनी चाहिए, तो बच्चों की समय-समय पर काउंसलिंग कर उनके व्यवहार पर नजर रखेगा।

    सौ से कम छात्र संख्या में सप्ताह में एक मनो चिकित्सक को बुलाना होगा और विद्यार्थियों की काउंसलिंग करानी होगी। विद्यार्थियों ने नकारात्मक भाव न आएं, इसका ध्यान रखना होगा।

    कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों की मानसिक व शारीरिक सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन है, इसकी जांच के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय टीम बनाई गई है।

    इस टीम में सीएमओ व जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, पुलिस अधीक्षक व उनकी ओर से नामित उपाधीक्षक पद के अधिकारी, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी, मानसिक स्वास्थ्य विभाग के दो सदस्य, राष्ट्रीय टास्क फोर्स के नोडल अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक शामिल हैं। इससे जनपद में कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर रोक लगेगी।

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