IPS Neeraj Kumar Jadaun: काम करने का अलग स्टाइल, जनता के दिल में इस तरह बस गए SP जादौन; यहां हुआ ट्रांसफर
IPS Neeraj Kumar Jadaun | हरदोई के एसपी नीरज कुमार जादौन का कार्यकाल कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। उन्होंने एक सिपाही की गलती पर सार्वजनिक माफी मांगी और पुलिस हिरासत में मौत पर जनता के सामने सिर झुकाया। अपने 15 महीने के कार्यकाल में उन्होंने जनता के दिलों में जगह बनाई। उन्होंने कहा कि हर पीड़ित को न्याय दिलाने से उन्हें दिली संतुष्टि मिली।

जागरण संवाददाता, हरदोई। IPS Neeraj Kumar Jadaun | पब्लिक के लिए हमेशा खुद को अर्पित रखने वाले पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन का कार्यकाल ऐतिहासिक रहा। वही एक ऐसे एसपी रहे जिन्होंने सिपाही की गलती पर सार्वजनिक माफी मांगी।
पुलिस हिरासत में मौत पर जनता के सामने सिर झुकाकर खड़े हुए। अब वह अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बने हैं। उनके 15 माह के कार्यकाल में पुलिस भले ही बेचैन रही, लेकिन पब्लिक के दिलों में वह बसे रहे। उनकी बेहतरीन छवि की गवाही इंटरनेट मीडिया का ट्रेंड दे रहा है।
शुक्रवार को यहां का कार्यभार छोड़कर अलीगढ़ प्रस्थान के समय चलते चलते उन्होंने दैनिक जागरण से बात की। अपने कार्यकाल से वह खुश दिखे और खुलकर बात की, पेश है बातचीत के कुछ अंश.....
प्रश्न- 13 जुलाई 2024 को कुर्सी पर बैठने के बाद आपने पुलिस कर्मियों पर जो कार्रवाई कीं, वह अपने आप में रिकार्ड है। इससे पहले बिजनौर में भी यही रहा था। क्या पुलिस कर्मियों से नाराजगी का कोई खास कारण रहा?
उत्तर- हम लोग पब्लिक की सेवा करने के लिए पुलिस में भर्ती हुए हैं, जिस पीड़ा से कोई पीड़ित गुजरता है, वहीं पर खुद को रखकर देखें तो पता चल जाएगा कि क्या गुजरती होगी। लापरवाही और भ्रष्टाचारी की मेरे पास माफी की कोई गुंजाइश नहीं है, जिसने गलत किया उसी पर कार्रवाई कीं और आगे भी यही रहेगा।
यह भी पढ़ें- यूपी में इन 6619 पीआरडी जवानों की ड्यूटी पर लगाई जा सकती है रोक, 30 सितंबर तक का मिला टाइम
प्रश्न- कहा जाता है कि आपने किसी के दबाव में काम नहीं किया। सभी के सभी जनप्रतिनिधि सत्ताधारी पार्टी से जुड़े हैं, ऐसे में कुछ परेशानी तो हुई ही होगी?
उत्तर- माननीय जनप्रतिनिधियों का अपना काम है, पुलिस अपना काम करती है। सभी के सम्मान के साथ हर जायज काम किया। नाजायज काम हम करते नहीं तो किसी ने दबाव भी नहीं डाला।
प्रश्न- जिले मेंं ऐसे कौन से काम किए जिन्होंने संतुष्टि दिलाई।
उत्तर- हर पीड़ित को न्याय मिल जाने पर दिली संतुष्टि हुई। जो फरियादी मेरे पास आता था। उसकी 100 प्रतिशत पीड़ा दूर होने से संतुष्टि मिली।
प्रश्न- ऐसा कहा जाता कि कार्रवाई के खौफ या नाराजगी से पुलिस फोर्स पूरे मनोयोग से साथ नहीं रहा, जिससे अपराध बढ़ा।
उत्तर- हां कुछ पुलिस कर्मियों की गलती से विभाग की छवि खराब हुई। पर ऐसा नहीं रहा कि पुलिस ने सहयोग नहीं किया। सभी ने साथ दिया और उनकी बदौलत ही अच्छा कार्यकाल रहा।
प्रश्न- कुछ ऐसे भी काम रहें होंगे जोकि आप नहीं कर पाए।
उत्तर- मेरा प्रयास था कि जिले की सीमाओं पर कैमरों को लगाते हुए उन्हें कंट्रोल रूम से जोड़े। ताकि जिले में जो प्रवेश करे, उस पर भी निगाह रहे। वह पूरा नहीं हो पाया। पिहानी में हत्या कर शव जलाए जाने की राजफाश नहीं हो पाया। बच्चियों के साथ जो घटना हुईं, उन्हें सजा दिलाई पर उन्हें फांसी दिलाना चाहता था।
प्रश्न- नवागंतुक एसपी अशोक कुमार मीना भी आपके ही बैच के हैं। उनके लिए कोई सुझाव या संदेश।
उत्तर- मीना जी बहुत ही सुलझे और अच्छे अधिकारी हैं। निश्चित रूप से वह पब्लिक के लिए बहुत ही अच्छे रहेंगे। सभी पब्लिक के लिए ही काम करते हैं। बस उसे करने का तरीका सभी का अलग अलग होता। वह अपने तरीके से काम करेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।