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    यूपी में इन 6619 पीआरडी जवानों की ड्यूटी पर लगाई जा सकती है रोक, 30 सितंबर तक का मिला टाइम

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 05:30 AM (IST)

    हरदोई में युवा कल्याण विभाग के अंतर्गत कार्यरत पीआरडी जवानों की ड्यूटी पर एक अक्टूबर से रोक लग सकती है। महानिदेशक ने वार्षिक चरित्र सत्यापन और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जमा न करने पर यह चेतावनी जारी की है। बड़ी संख्या में जवानों द्वारा प्रमाण पत्र जमा न करने पर अधिकारियों ने नाराजगी जताई है और लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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    एक अक्टूबर से प्रदेश के 6619 पीआरडी जवानों की ड्यूटी पर 'संकट'

    आशीष त्रिवेदी, हरदोई। एक अक्टूबर से जिला युवा कल्याण विभाग के अधीन कार्य करने वाले प्रदेश के 6619 प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवानों की ड्यूटी पर रोक लगाई जा सकती है। वार्षिक चरित्र सत्यापन व स्वास्थ्य प्रमाण पत्र न देने के कारण महानिदेशक ने जहां न सिर्फ इनको विभागीय व गैर विभागीय ड्यूटी से अलग रखने की चेतावनी दी है

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    वहीं क्षेत्रीय से लेकर जिला युवा कल्याण अधिकारियों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के संकेत दिए हैं। हरदोई में 132 तो लखनऊ में 192 जवान पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र नहीं दे सके हैं। बलरामपुर, श्रावस्ती, प्रयागराज, गोंडा सहित कई जिलों की स्थिति दयनीय है। संयुक्त निदेशक (प्रशासन) ने इतनी बढ़ी संख्या में प्रमाण पत्र न देने के पीछे अभियोग दर्ज होने और अनफिट होने की शंका भी जाहिर की है।

    युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के जवानों को सरकारी व गैर सरकारी विभागों में रोस्टर के अनुसार ड्यूटी दिलवाई जाती है। सक्रिय जवानों से प्रत्येक वर्ष चरित्र प्रमाण पत्र व फिटनेस के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र सीएमओ कार्यालय का लिया जाने लगा है। इस बार भी महानिदेशालय की ओर से जून में प्रदेश के समस्त जिलों को पत्र जारी कर पुलिस सत्यापन के बाद जारी चरित्र प्रमाण पत्र व स्वास्थ्य प्रमाण पत्र मांगा गया था।

    यही नहीं जिलों से काफी संख्या में प्रमाण पत्र अपलोड न होने से अनुस्मारक पत्र भी जारी किए गए, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। युवा कल्याण विभाग के पोर्टल पर प्रदेश के 75 जिलों में ड्यूटी पाने वाले करीब 31757 पीआरडी जवान अंकित हैं, लेकिन अब तक इनमें से 25,138 जवान ही पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र व 27,458 जवान स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अपलोड करा सके हैं।

    प्रदेश में 6,619 जवानों के पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र व 4,299 जवानों के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र न आने पर महानिदेशक स्तर से नाराजगी व्यक्त की गई है। हरदोई में 671 पीआरडी जवानों में से 132 पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र व 96 स्वास्थ्य प्रमाण पत्र नहीं दे सके हैं।

    अनुमोदन के बाद संयुक्त निदेशक प्रशासन अशोक कुमार कनौजिया ने समस्त जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी को पत्र भेजा है व कहा है कि इतनी संख्या में प्रमाण पत्र का न आना निश्चित तौर पर पुलिस रजिस्टर में अभियोग दर्ज होने व अनफिट होने की संभावनाओं की ओर इशारा कर रहा है।

    उन्होंने शत प्रतिशत प्रमाण पत्र अपलोड करने के लिए 25 सितंबर तक का समय दिया है। इसके बाद प्रमाण पत्र न दे सकने वाले जवानों को एक अक्टूबर से ड्यूटी से अलग करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लापरवाही किए जाने पर संबंधित क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी व जिला युवा कल्याण अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है।

    प्रदेश के अन्य जिलों की यह रही स्थिति

    महानिदेशालय की ओर से आए निर्देशों के क्रम में सभी जवानों को अवगत करा दिया गया है तथा सभी से निर्धारित तिथि तक प्रमाण पत्र अपलोड करवाने को कहा गया है। अन्यथा की स्थिति में होने वाली कार्रवाइयों के लिए वह स्वयं ही जिम्मेदार होंगे। -प्रमोद कुमार, जिला युवा कल्याण अधिकारी, हरदोई

    जिला कुल पीआरडी प्रस्तुत पुलिस सत्यापन प्रस्तुत स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
    लखनऊ 622 430 454
    हरदोई 671 539 575
    लखीमपुर 872 441 466
    उन्नाव 431 344 366
    रायबरेली 678 540 540
    सीतापुर 1093 950 950
    बाराबंकी 604 400 515
    अंबेडकरनगर 297 100 150
    सुल्तानपुर 453 313 343
    अमेठी 337 282 297
    अयोध्या 368 288 367
    बस्ती 592 537 562
    सिद्धार्थ नगर 447 395 415
    संत कबीरनगर 375 330 358
    गोरखपुर 600 432 576
    वाराणसी 433 372 392
    बलरामपुर 360 300 350
    श्रावस्ती 393 341 341
    गोंडा 428 354 397
    प्रयागराज 569 492 510
    फर्रुखाबाद 403 349 397
    ललितपुर 389 292 315

    यह नियमित प्रक्रिया है। हर वर्ष कर्मियों का सत्यापन कराया जाता है। ड्यूटी के दौरान वे शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें, इसके लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य है। पुलिस सत्यापन भी आवश्यक है। वर्तमान में 32 हजार जवान हैं, जिनके लिए मई से अभियान चलाया जा रहा है। अब उन्हें अंतिम अवसर दिया गया है। एक अक्टूबर से पहले सभी को अपना सत्यापन पूर्ण कर प्रमाणपत्र जमा करना होगा।-चैत्रा वी., महानिदेशक, पीआरडी