कोहरे में थमी ट्रेनों की रफ्तार, 9 घंटे विलंब से आई पंजाब मेल; आधा दर्जन से अधिक प्रमुख ट्रेनें हुईं लेट
कोहरे के कारण हरदोई रेलवे स्टेशन से होकर गुजरने वाली और यहां रुकने वाली लगभग आधा दर्जन से अधिक प्रमुख ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से स ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हरदोई। कोहरे के कारण हरदोई रेलवे स्टेशन से होकर गुजरने वाली और यहां रुकने वाली लगभग आधा दर्जन से अधिक प्रमुख ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से स्टेशन पर पहुंचीं। ट्रेनों की लेटलतीफी से जहां रेल संचालन प्रभावित हुआ, वहीं यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
नई दिल्ली से लखनऊ जाने वाली मेल ट्रेन अपने तय समय से करीब 2 घंटे 26 मिनट की देरी से पहुंची। इसी तरह चंडीगढ़ से लखनऊ जाने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस लगभग 3 घंटे 16 मिनट, योग नगरी ऋषिकेश से हावड़ा जाने वाली दून एक्सप्रेस भी कोहरे की चपेट में रही और यह ट्रेन करीब 1 घंटा 52 मिनट की देरी से पहुंचीं।
सबसे अधिक देरी लालगढ़ से डिब्रूगढ़ जाने वाली अवध असम एक्सप्रेस में देखने को मिली, जो अपने निर्धारित समय से करीब 4 घंटे 16 मिनट विलंब से पहुंची। वहीं लखनऊ से मेरठ सिटी जाने वाली राजरानी एक्सप्रेस भी लगभग 1 घंटा 45 मिनट, जम्मू तवी से कोलकाता जाने वाली सियालदह एक्सप्रेस करीब 3 घंटे, अमृतसर से हावड़ा जाने वाली पंजाब मेल अपने तय समय से लगभग 9 घंटे 10 मिनट की देरी से हरदोई स्टेशन पर पहुंची।
स्टेशन पर बैठने और ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है
ट्रेनों के विलंब से चलने का सबसे अधिक असर आम रेल यात्रियों पर पड़ा। लंबा इंतजार, ठंड और अनिश्चितता के बीच यात्रियों को स्टेशन पर समय बिताना पड़ा। स्थानीय यात्रियों का कहना है कि कोहरे के चलते स्टेशन पर बैठने और ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
प्लेटफार्म पर सीमित बेंच और ठंड से बचाव के इंतजाम न होने के कारण बच्चों, महिलाओं और बुजुर्ग यात्रियों को खासतौर पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई यात्री घंटों तक ठंड में खड़े रहने को मजबूर दिखे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार कोहरे की वजह से ट्रेनों की गति नियंत्रित रखी जा रही है, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके। हालांकि, यात्रियों का कहना है कि सुरक्षा जरूरी है, लेकिन यात्रियों की सुविधाओं को लेकर भी ठोस इंतजाम किए जाने चाहिए। फिलहाल घने कोहरे के कारण हरदोई रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की परेशानी कम होती नजर नहीं आ रही है।

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