हरदोई में SIR के दौरान सामने आया आंकड़ा, रोजी-रोटी की तलाश में 2.51 लाख परिवारों ने छोड़ दिया घर द्वार
हरदोई में एसआईआर अभियान के तहत चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रोजी-रोटी की तलाश में 2.51 लाख से अधिक परिवार स्थायी रूप से अपने गांव छोड़कर अन्यत्र ...और पढ़ें

रोजी-रोटी की तलाश में 2.51 लाख परिवारों ने छोड़ दिया घर द्वार।
जागरण संवाददाता, हरदोई। रोजी-रोटी की तलाश ने हरदोई के ग्रामीण जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। एसआआर अभियान में सामने आया कि यहां पर कुल 2,51,841 परिवार स्थायी रूप से अपने गांव छोड़कर कहीं और बस गए हैं। सबसे अधिक विस्थापन हरदोई सदर में दर्ज किया गया, जहां 44,131 परिवार गांव छोड़ चुके हैं और 37,109 मकानों में ताले लगे मिले। इस आंकड़े ने स्थानीय ग्रामीण जीवन और सामाजिक संरचना पर एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है।
विधान सभा क्षेत्रवार देखें तो सवायजपुर में 33,229 परिवार स्थायी रूप से बाहर चले गए, जबकि 12,198 मकानों में ताले लगे हैं। शाहाबाद क्षेत्र में 29,200 परिवार बाहर गए और 10,138 मकानों में ताले मिले।
गोपामऊ क्षेत्र में 25,423 परिवार बाहर बस गए, मकानों में ताले की संख्या 13,712 है। सांडी में 30,093 लोग बाहर गए और सिर्फ 3,292 मकानों में ताला मिला। बिलग्राम-मल्लावाां क्षेत्र में 32,840 परिवार बाहर चले गए, जबकि 11,653 मकानों में ताले लगे हैं।
बालामऊ में 28,607 लोग गांव छोड़कर बाहर बसे, मकानों में ताले 16,849 हैं। संडीला क्षेत्र में भी 28,607 परिवार स्थायी रूप से बाहर चले गए और 20,857 मकानों में ताले मिले। विशेषकर हरदोई सदर की स्थिति चिंताजनक है।
हजारों खाली मकानों और गांव में घटते निवासियों ने स्थानीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर गहरा असर डाला है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास की कमी के कारण लोग स्थायी रूप से अपने गांव छोड़ रहे हैं, जिससे गांवों में बुजुर्गों और बच्चों की संख्या बढ़ रही है और युवा पलायन कर रहे हैं।

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