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    हापुड़ में किसानों को भारी नुकसान, गंगा के कटान में बह गया 2 करोड़ से अधिक का गन्ना

    हापुड़ में गंगा नदी में कटाव के कारण लगभग ₹1.75 करोड़ का गन्ना बह गया है जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है जिससे कुदैनी की मंढैया और चक लठीरा जैसे गांवों पर खतरा बढ़ गया है। एक हजार बीघा से अधिक गन्ने की फसल पानी में बह गई है।

    By Dhrub Sharma Edited By: Kapil Kumar Updated: Tue, 26 Aug 2025 04:09 PM (IST)
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    गंगा के कटान में बह गया दो करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना। जागरण

    ध्रुव शर्मा, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। हापुड़ में गंगा के दूसरी तरफ तिगरी में बने बांध एवं करीब 12 वर्ष बाद खतरा बिंदु से ऊपर पहुंची गंगा ने इस बार खादर क्षेत्र में जमकर तबाही मचाई है। गंगा किनारे खादर क्षेत्र में खड़ी करीब एक हजार बीघा गन्ने की फसल कटान के कारण गंगा में बह गई है।

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    रविवार की रात्रि गंगा के जलस्तर में अचानक दस सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है, इससे गंगा ने और तेजी से कटान करना शुरू कर दिया है। इससे कुदैनी की मंढैया, चक लठीरा एवं तीर्थ नगरी ब्रजघाट के पास टापू पर बसे गंगानगर जैसे गांवों पर अधिक खतरा मंडराने लगा है।

    गढ़मुक्तेश्वर गंगा के किनारे करीब एक दर्जन से अधिक गांव बसे हुए हैं। इन गांवों के लोग गंगा का जलस्तर कम होने पर खाली पड़ी जमीनों पर सब्जी, गन्ना, चारा आदि की फसल की बोआई कर देते हैं। प्रत्येक वर्ष वर्षा के दिनों में गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने पर चारा, सब्जी आदि की फसल नष्ट हो जाती थी, जबकि गन्ने की फसल को अधिक नुकसान नहीं होता था। ऐसे में किसान गन्ने की फसल के सहारे अपना वर्ष भर का जीवन यापन कर लेते थे।

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    इस वर्ष गंगा ने पिछले 12 वर्षो का रिकार्ड तोड़ दिया और गंगा का जलस्तर खतरा बिंदु 199.33 सेंटीमीटर को पार करके 199.57 तक पहुंच गया था। पिछले तीन सप्ताह में गंगा का जलस्तर मात्र एक दिन के लिए रेड अलर्ट बिंदु 199.00 से नीचे गया है। रविवार की रात्रि गंगा में एक बार फिर ऊफान आया तो सोमवार की सुबह गंगा का जलस्तर 199.10 सेंटीमीटर पर पहुंच गया है। इससे गंगा तेजी से गढ़मुक्तेश्वर के गांवों की तरफ तेजी से कटान कर रही हैं।

    पौने दो करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना बहा

    ग्रामीणों ने बताया कि इस बार गंगा का कटान गढ़ की तरफ अधिक हुआ है। इसके कारण चक लठीरा, कुदैनी की मंढैया, गड़ावली आदि गांवों में करीब दो हजार बीघा जमीन कटान के कारण गंगा में समाहित हो गई है, जबकि इसमें खड़ा करीब एक हजार बीघा गन्ना भी गंगा के प्रवाह में बह गया है। एक बीघे जमीन में गन्ने की फसल 50 क्विंटल से अधिक निकलती है।

    इसमें चीनी मिलों द्वारा दिए जाने वाले 370 रुपये प्रति क्विंटल के दाम से देखा जो गंगा में करीब एक करोड़ 85 लाख रुपये का गन्ना अब तक गंगा में समाहित हो चुका हैं। ऐसे में अनेक परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा होने की स्थिति बन सकती है।

    जलस्तर की स्थिति सेंटीमीटर में

    येलो अलर्ट - 198.75

    रेड अलर्ट - 199.00

    खतरा बिंदू - 199.33

    इस वर्ष अधिकतम 199.57

    रविवार की स्थिति -199.00

    सोमवार की स्थिति- 199.10

    गंगा द्वारा लगातार कटान किया जा रहा है। फसलों के नुकसान का आंकलन वहां पैमाईश एवं सर्वे मिलान के बाद ही पता चल सकता हैं।यह कार्य जलस्तर कम होने के बाद ही हो सकता है। - श्रीराम यादव, एसडीएम