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    Hapur Crime: 20 रुपये की जलेबी के चक्कर में छिन गईं संजय की सांस, भरे बाजार में लोग तमाशबीन बने रहे

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 03:45 AM (IST)

    गढ़मुक्तेश्वर के अठसैनी गांव में संजय नामक व्यक्ति की 20 रुपये की जलेबी के लिए हत्या कर दी गई। भरे बाजार में हुई इस घटना में संजय को बचाने के बजाय लोग तमाशबीन बने रहे। किराने की दुकान चलाने वाले संजय की हत्या से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है क्योंकि वह परिवार का एकमात्र सहारा था।

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    20 रुपये की जलेबी के चक्कर में छिन गईं संजय की सांस।

    ध्रुव शर्मा, गढ़मुक्तेश्वर। अठसैनी गांव में संजय की हुई हत्या से पूरा गांव स्तबध है। मेहनत करके परिवार का भरण पोषण करने वाले संजय को बीच बचाव करने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। दिन निकलते ही भरे बाजार पिटाई करके निर्दोष की हत्या करने तथा वहां मौजूद लोगों का मूकदर्शक बन कर इस पूरे विवाद को देखते रहने से सभ्य समाज पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है।

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    गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली क्षेत्र का अठसैनी गांव मुस्लिम एवं दलित आबादी के गांवों में शुमार होता है। इस गांव में करीब 15 घर कश्यप समाज के हैं। दूर के रिश्ते से यह प्रदेश सरकार में मंत्री नरेंद्र कश्यप के रिश्तेदार भी है।

    कश्यप समाज के लोगों के पास खेती बाड़ी की जमीन नहीं होने के बाद भी वह दुकान अथवा अन्य कार्य करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। बुधवार को संजय रोजमर्रा की तरह अपनी किराने की दुकान पर पहुंच गया था। उसके साथ उसका भतीजा सचिन भी अपनी मिठाई की दुकान पर जलेबी बना रहा था।

    संजय को क्या पता था कि चंद मिनटों के बाद वह इस दूनिया से विदा होने वाला है। मात्र 20 रुपये की जलेबी के ऊपर दंबग उसकी जान ले लेंगे। हमले के दौरान वह आसपास खड़े लोगों से बचाने की गुहार लगाता रहा, आरोपित लोग उसके प्राइवेट पार्ट पर लात घूसों से वार करते रहे। लेकिन अपने को सभ्य समाज का हिस्सा बताने वाले लोग वहां संजय की सांस थमने तक मूकदर्शक बनकर तमाशा देखते रहे।

    समाज पर तमाचा

    यह घटना एक हत्या मात्र नहीं है, ब्लकि सभ्य समाज पर तमाचा है। यदि वहां मौजूद लोग थोड़ा सा भी साहस दिखाकर हमलावरों को अलग कर देते तो शायद संजय आज अपने परिवार के बीच होता। स्वजन ने बताया कि संजय के पास आमदनी का एक मात्र साधन किराने की छोटी सी दुकान थी। इसी के सहारे वह अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था। बड़ा बेटा अभी मात्र 17 वर्ष का है। ऐसे में आय का कोई साधन नहीं होने पर संजय के परिवार के सामने मुसीबत का पहाड़ खड़ा हो सकता है।

    आरोपितों पर लगते रहे हैं आरोप

    वहां मौजूद लोगों ने बताया कि आरोपित पक्ष झगड़ालू किस्म का है। करीब डेढ़ वर्ष भी उन्होंने गांव में झगड़ा किया था। इसके बाद उन्होंने अपनी छत् पर चढ़कर पथराव कर दिया था। मोहल्ले में भी आए दिन शराब पीकर हंगामा, गाली गलौज करना उनकी आदत में शामिल हो चुका था।

    इस हत्या के बाद जहां संजय का परिवार टूट गया है तो वहीं क्रोध एवं दबंगई का दंश आरोपित पक्ष के सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज एवं जेल जाने के बाद उनके स्वजन भी झेलेंगे। एेसे में मात्र 20 रुपये ने दो परिवारों को बर्बादी के मुहाने पर खड़ा कर दिया है।