हापुड़ में जलभराव से राहत, पर कीचड़ ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें; खेतों में जाने में हो रही दिक्कत
हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में गंगा किनारे रहने वाले लोगों को जलभराव से राहत मिली है पर कीचड़ ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। किसान खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे जिससे फसल काटने में दिक्कत हो रही है। कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारी में भी कीचड़ से बाधा आ रही है। गंगा का जलस्तर घटने से लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन कीचड़ की समस्या जस की तस बनी हुई।

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। हापुड़ में गंगा की तलहटी में रहने वाले लोगों को जलभराव से राहत मिल गई है, लेकिन रास्तों एवं खेतों में फैली कीचड़ के कारण किसानों के सामने अभी भी मुसीबत बनी हुई है। इसी के साथ कीचड़ के कारण कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियों को लेकर भी परेशानी खड़ी होने की संभावना बन रही है।
गढ़मुक्तेश्वर में गंगा किनारे करीब एक दर्जन से अधिक गांवों में करीब 40 हजार से अधिक लोग रहते हैं। इस वर्ष करीब डेढ़ माह तक बाढ़ एवं जलभराव के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। पिछले दस दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है, जिसके बाद यहां रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है। लेकिन जलभराव के बाद खेतों एवं रास्तों पर फैली कीचड़ ने यहां के लोगों के सामने नई मुसीबत पैदा कर दी है।
कीचड़ के कारण लोग खेतों एवं गंगा तट तक नहीं पहुंच पा रहे है। ऐसे में किसानों के सामने अपनी फसलों को काटने एवं रखरखाव की समस्या खड़ी हो रही है। इस बीच कार्तिक पूर्णिमा मेले को लेकर भी प्रशासन ने धीरे- धीरे तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में यदि कीचड़ एवं जलभराव की स्थिति बनी रही तो यहां आने वाले लोगों के साथ ही मेले की तैयारियों में परेशानी होने की संभावना बन सकती है।
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