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    Hapur News: हजारों लोगों को होगी परेशानी, दो महीने तक बंद रहेगा फाटक; 8 करोड़ की लागत से बनेगा अंडरपास

    हापुड़ के परतापुर रेलवे फाटक पर लगभग आठ करोड़ की लागत से अंडरपास बनने जा रहा है। इस निर्माण कार्य के चलते 15 फरवरी से दो महीने तक फाटक बंद रहेगा। इससे आवागमन करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। प्रशासन यातायात को डायवर्ट करने की योजना बना रहा है। आगे विस्तार से पढ़िए आखिर किन रास्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

    By jitender sharma Edited By: Kapil Kumar Updated: Thu, 13 Feb 2025 05:09 PM (IST)
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    15 फरवरी से दो महीने तक फाटक बंद रहेगा। जागरण फोटो

    जितेंद्र शर्मा, पिलखुवा हापुड़। हापुड़ में परतापुर रोड के रेलवे फाटक के अंडरपास की लगभग 120 मीटर लंबाई व रेलवे ट्रेक के बिल्कुल नीचे लगभग 26 मीटर ऊंचाई और 10 मीटर चौड़ाई रहने वाली है। इसमें रेलवे की वर्तमान में अनुमानित लागत आठ करोड़ है।

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    कुछ माह पूर्व गाजियाबाद के संसद सदस्य अतुल गर्ग व पालिकाध्यक्ष विभु बंसल केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मिले थे। इस मुलाकात में परतापुर फाटक व जीएस मेडिकल के पास फाटक की मांग की थी। जिस पर रेलवे के मुरादाबाद मंडल डीआरएम राजकुमार ने केंद्रीय मंत्री के आदेशों पर निरीक्षण कर फरवरी तक कार्य प्रारंभ करने की बात कही थी।

    15 फरवरी से शुरू होगा काम

    वहीं, अब पश्चिम रेलवे 15 फरवरी से समपार संख्या 85 एसपीएल परतापुर फाटक पर अंडर पास के निर्माण के लिए खुदाई का कार्य प्रारंभ कर देगी। जिसके कारण परतापुर फाटक से आवागमन करने वाले वाहनों को किसी नए रास्ते का चयन करना पड़ेगा। इससे क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़नी तय हैं।

    वहीं, पश्चिमी रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर के अनुसार यह कार्य 15 फरवरी से प्रारंभ होगा और यह खुदाई का कार्य अभी दो माह में पूर्ण व पूरा कार्य तीन माह से पूर्व करने का अनुमानित लक्ष्य लिया गया है।

    गाजियाबाद सेक्शन में पिलखुवा डासना रेलवे स्टेशन के मध्य 85 सी परतापुर फाटक पर अंडरपास के निर्माण में अगले दो माह के लिए फाटक बंद करने की बात कही गई है। इसमें खुदाई आरंभ करने की सूचना औपचारिक रूप से दे दी गयी है।

    इसके अलावा यातायात की वैकल्पिक व्यवस्था कराने के लिए लिखा गया है। यह रेलवे फाटक पिलखुवा का सबसे व्यस्ततम फाटक है। इस पर हजारों की संख्या में भारी व अन्य वाहन प्रतिदिन निकलते है। जिससे फाटक बंद होने पर वाहनों की लंबी कतारे लग जाती हैं। फाटक खुलने के बाद भी इन वाहनों को निकलने में 10 से 15 मिनट का समय लग जाता है।

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    यातायात डायवर्ट करना होगा चुनौती पूर्ण

    परतापुर रेलवे फाटक के यातायात को डायवर्ट करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगा। यह यातायात परतापुर रोड से सद्दीकपुरा होते हुए गांधी बाजार के रास्ते को अपनाता है। तब ऐसी स्थिति में गांधी रोड ओवर ब्रिज भी एक तरह से बंद ही हो जायेगा। इस यातायात को इस रास्ते से निकलने देना प्रशासन को भारी मुश्किल में डाल सकता है।

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    दतैडी चौराहा से ही करना होगा रूट डायवर्ट

    प्रशासन को गांधी बाजार रोड जिस पर कोतवाली व एक कन्या इंटर कॉलेज स्थित है को जाम के झाम से बचाने व परेशानी को कम करने के लिए दतैडी चौराहे से ही रूट डायवर्ट करना होगा। वाहन इस चौराहे से परतापुर फाटक की ओर जाते है उन्हें दतैडी रोड से मोदीनगर, मुकीमपुर बाईपास से हाईवे के रास्ते करने के लिए डायवर्ट करना होगा। ऐसा करने पर ही भारी वाहनों का बड़ा यातायात शहर से बाहर से ही हाईवे पर चलाया जा सकेगा।

    ई-रिक्शा के रूट का भी करना होगा डायवर्ट

    ई-रिक्शा गांधी रोड पर फ्लाईओवर के रास्ते फर्राटे भरते हुए यातायात को चुनौती देते हैं। इन ई-रिक्शाओं की संख्या पांच हजार से अधिक है। प्रशासन को परेशानी से बचना है तो गांधी रोड पर इन ई-रिक्शा की संख्या एक हद तक तक सीमित करनी होगी। शेष रिक्शा अन्य रास्तों पर चलने के लिए प्रतिबंधित करते हुए रूट डायवर्ट करना होगा तभी शहर का यातायात संभाला जा सकता है। कुल मिलाकर आगामी समय में गांधी रोड पर यातायात नियंत्रित करना व परतापुर फाटक के यातायात को डायवर्ट करना प्रशासन के लिए एक चुनौती बनने वाला है।

    लगभग आठ करोड़ की लागत से परतापुर रोउ रेलवे फाटक पर अंडरपास निर्माण का कार्य किया जा रहा है, पूरा प्रयास है कि कार्य तीन माह से पहले ही पूरा कर लिया जाएं। 15 फरवरी से यह कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। - विपिन कुमार त्यागी, सीनियर सेक्शन इंजीनियर, रेलवे