मदर डेयरी में उत्पादन बंद करने के आदेश, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कड़ा आदेश
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हापुड़ के पिलखुवा स्थित मदर डेयरी को बंद करने का आदेश दिया है। निरीक्षण में प्लांट में प्रदूषण मानकों का उल्लंघन पाया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। बोर्ड ने विद्युत आपूर्ति काटने के भी आदेश दिए हैं। प्रबंधन को पहले भी कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन सुधार न होने पर यह कदम उठाया गया। डेयरी प्रबंधन ने इस कार्रवाई पर अनभिज्ञता जताई है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मदर डेयरी को बंद करने के आदेश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, हापुड़। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मदर डेयरी को बंद करने के आदेश दिए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के फ्लाइंग स्क्वायड ने 20 अक्टूबर को प्लांट का दौरा किया था। जांच के दौरान प्लांट में निर्धारित मानकों का पालन होता नहीं पाया गया।
मानकों का पालन करने के लिए डेयरी प्रबंधन को पहले ही कई बार निर्देशित किया जा चुका था। आदेशों का पालन नहीं करने और लगातार उल्लंघन होते रहने पर मदर डेयरी को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के एमडी को डेयरी प्लांट की सप्लाई काटने के आदेश दिए गए हैं।
मेसर्स मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड का प्लांट जिले के पिलखुवा में स्थित है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार प्लांट द्वारा मानकों का उल्लंघन करने की शिकायत लगातार मिल रही थीं। इसको लेकर कई बार प्रबंधन को निर्देशित किया गया, लेकिन मानकों का पालन नहीं किया गया।
इसके चलते एनसीआर के एक्यूअाइएम के कमिशन को फिर से प्रदूषण फैलाने की शिकायत मिल रही थीं। इसके चलते कमिशन के फ्लाइंग स्क्वायड ने 20 अक्टूबर को प्लांट पर छापामारी की थी। टीम को मौके पर प्लांट में मानकों का उल्लंघन होता हुआ मिला। प्लांट के मिल्क चैंबर से प्रदूषण हो रहा था। प्रदूषण नियंत्रण के लिए जो मानक निर्धारित किए गए हैं, उनका प्रबंधन द्वारा संज्ञान नहीं लिया जा रहा था।
एक्यूआइसीएम के सदस्य-सचिव तरुण कुमार पिथौड़े ने जांच में पाया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगाए जाने वाले उपकरण सक्रिय नहीं थे। जिससे वायु प्रदूषण नियंत्रण कानूनों, नियमों और विनियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। आयोग द्वारा गठित उड़नदस्ते द्वारा निरीक्षण में जो निर्देशदिए गए थे, उनको भी गंभीरता से नहीं लिया गया।
इस पर कमिशन की ओर से मदर डेयरी प्लांट को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। आदेश की प्रति डेयरी प्रबंधन के साथ ही डीएम हापुड़, एनजीटी के चेयरमैन और पावर कारपोरेशन के एमडी को भेजी गई है। इसके चलते शनिवार को मदर डेयरी प्लांट की पावर सप्लाई काटने की कार्रवाई प्रस्तावित है।
दोबारा आरंभ करने से पहले करना होगा निर्देशों का पालन
एक्यूआइसीएम के सदस्य-सचिव तरुण कुमार पिथौड़े के अनुसार हर हाल में प्लांट को बंद कराया जाएगा। एनसीआर में वायु का स्तर तेजी से बिगड़ रहा है। इसको बचाना तत्काल आवश्यक है। ऐसे में प्रबंधन द्वारा उचित सुधार और निवारक उपाय करने के बाद यूपीपीसीसी के मुख्यालय को भी सूचित किया जाएगा।
उसके बाद टीम द्वारा डेयरी का निरीक्षण किया जाएगा। उसमें दिए गए आदेशों-मानकों काे जांचा जाएगा। इसके साथ ही इस वर्ष जून तक दिए गए निर्देशों और उनके उल्लंघन का आंकलन करके पर्यावरण शुल्क लगाया जाएगा। उसके बाद ही डेयरी को आरंभ करने पर विचार किया जाएगा।
कई बार के निर्देशों-आदेशों के बाद भी डेयरी प्रबंधन द्वारा पर्यावरण मानकों का पालन नहीं किया गया। वर्तमान में वायु प्रदूषण गंभीर मामला है। इसके चलते मानकों का कड़ाई से पालन कराया जाना आवश्यक है। मदर डेयरी प्रबंधन को बंदी के आदेश उपलब्ध कराए जा चुके हैं। शनिवार को प्लांट की सप्लाई काटी जाएगी। - विपुल कुमार- एसडीओ-प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
अभी तक हमको आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं। किस कारण से यह कार्रवाई की गई है, इसकी भी जानकारी नहीं है। डेयरी प्लांट में पर्यावरण मानकों का अक्षरश: पालन किया जा रहा है। यदि कोई गड़बड़ी मिली थी तो नोटिस जारी किया जाना चाहिए था। हम इस संबंध में डीएम और कमिशन आयोग के सदस्यों से मिलेंगे। - अमरीश द्विवेदी- प्रबंधक-मदर डेयरी पिलखुवा

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।