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    हापुड़ में फैला रिश्वतखोरी का जाल, जिम्मेदार ही भ्रष्ट, आखिर कैसे रुकेगा भ्रष्टाचार?

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 03:42 PM (IST)

    हापुड़ में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। एंटी करप्शन टीम ने कई पुलिसकर्मियों, लेखपालों और जेई को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है, लेक ...और पढ़ें

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    डीसीआरबी निरीक्षक गिरफ्तार। जागरण

    केशव त्यागी, हापुड़। चाहे पुलिस हो या प्रशासन जिले में सभी जगह भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी बढ़ती जा रही है। एंटी करप्शन टीम लगातार पुलिसकर्मियों से लेकर चकबंदी लेखपाल, लोक निर्माण विभाग व नगर पालिका के जेई तक को रिश्वत लेते दबोच चुकी है। फिर भी रिश्वतखोरी पर लगाम नहीं लग पा रही।

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    बुधवार को हापुड़ के निरीक्षक महेंद्र सिंह को मेरठ में एंटी करप्शन की टीम ने चार लाख रुपये की रिश्वत लेते दबोच लिया। जिसके बाद एक बार फिर जिले के बदनुमा दाग दोबारा उभर आए हैं।

    निरीक्षक महेंद्र सिंह हापुड़ देहात, हाफिजपुर, बाबूगढ़ सिंभावली व अन्य थानों में तैनात रह चुके हैं। थाना बाबूगढ़ में तैनात रहते हुए कार के राजा जी ढाबे में घुसने से एक व्यक्ति की मौत पर निरीक्षक ने बड़ा खेल किया था। मृतक पक्ष ने निरीक्षक पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए थे।

    थाना गढ़मुक्तेश्वर में तैनाती के दौरान दिल्ली के एक व्यापारी का धान का ट्रक पकड़कर 80 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। सूत्रों के अनुसार थाना सिंभावली में रिश्वतखोरी के आरोप में निरीक्षक को एसपी ज्ञानंजय सिंह ने चार्ज से हटाया था। हालांकि, इन मामलों की जांच दबकर रह गई।

    कई शिकायतों के बावजूद जिला स्तर पर कार्रवाई न होने पर पीड़ितों को मेरठ की एंटी करप्शन टीम से संपर्क करना पड़ रहा है। कई मामलों में निलंबन के बाद साठ-गांठ से मामले दबा दिए जाते हैं, जिससे भ्रष्टाचारियों का हौसला बढ़ता है।

    रिश्वतखोरी के मामले में हुई गिरफ्तारी के मामलों में या तो पीड़ित पर दबाव बनाकर समझौता कर लिया गया है या इसका प्रयास जारी है। डर के कारण पीड़ित इसकी शिकायत भी नहीं करते।

    यह भी पढ़ें- रिश्वत लेने के लिए दफ्तर से छुट्टी लेकर हापुड़ से मेरठ पहुंचा डीसीआरबी निरीक्षक, जैसे ही पकड़े 4 लाख हुआ गिरफ्तार

    प्रमुख रिश्वतखोरी के मामले

    • 12 अगस्त 2025: बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के सिमरौली स्थित पीडब्ल्यूडी कार्यालय में जूनियर
    • इंजीनियर अशोक कुमार को 50 हजार रुपये की रिश्वत दबोचा।
    • 29 अप्रैल 2025: बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जूनियर असिस्टेंट दीपेंद्र शर्मा और संविदा कर्मी निखिल शर्मा को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते दबोचा।
    • 11 जनवरी 2025 : धौलाना तहसील में एसआइटी जांच में तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार और अन्य राजस्व कर्मियों को सरकारी जमीन बेचने और धारा-80 का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया।
    • 30 मार्च 2025 : चकबंदी विभाग के लेखपाल नरेंद्र कुमार गौड़ को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया।
    • 08 सितंबर 2024 :नगर पालिका के जूनियर इंजीनियर कुंवरपाल को 2.30 लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया।

    चुनौतियां और समाधान

    • पारदर्शिता बढ़ाना: सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता व डिजिटल सिस्टम को और मजबूत करना होगा।
    • स्थानीय स्तर पर कार्रवाई: शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पीडितों को बाहरी एजेंसियों पर निर्भर न रहना पड़े।
    • सख्त सजा : निलंबन के बजाय दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचारियों में डर पैदा हो। जागरूकता अभियान: आम जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।