Ambedkar Jayanti पर अलर्ट, चप्पे-चप्पे पर अफसरों की पैनी नजर; Hapur में आज इन मार्गों पर रूट डायवर्जन
डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती के अवसर पर हापुड़ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। ऐसे में चप्पे-चप्पे पर पुलिस अधिकारियों की पैनी नजर है। वहीं शहर के ज्यादातर मार्गों पर आज डायवर्जन रहेगा। पुलिस का अनुमान है कि मेरठ तिराहा स्थित डा. आंबेडकर की प्रतिमा पर 30 हजार से ज्यादा लोग पुष्प अपर्ति करेंगे। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है। अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ जयंती की पूर्व संध्या पर रविवार की शाम विभिन्न क्षेत्रों में पैदल गश्त किया।
एडीएम संदीप कुमार, एएसपी विनीत भटनागर, सीओ जितेंद्र शर्मा, सीओ स्तुति सिंह ने पुलिस बल के साथ मोदीनगर रोड, लज्जापुरी, दिल्ली रोड, बुलंदशहर रोड, गढ़ रोड समेत विभिन्न क्षेत्रों में पैदल गश्त की। इस दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भी अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ गश्त की और सुरक्षा व्यवस्था को परखा।
आंबेडकर जयंती पर रहेगा रूट डायवर्जन
परेशानी से बचना है तो आज शहर के अंदर से होकर आवागमन से परहेज करें। आंबेडकर जयंती के चलते शहर के ज्यादातर मार्गों पर भारी भीड़ रहेगी। वहीं, तहसील चौराहा और मेरठ तिराहा पर लोगों की भीड़ सुबह चार बजे से आरंभ होकर रात को 11 बजे तक रहेगी। पुलिस का अनुमान है कि मेरठ तिराहा स्थित डा. आंबेडकर की प्रतिमा पर 30 हजार से ज्यादा लोग पुष्प अपर्ति करेंगे।
वहीं, सड़कों से होकर तेज ध्वनि यंत्रों पर निकलते जुलूस और शोभायात्रा के चलते वाहनों का आवागमन प्रभावित होगा। पुलिस ने भारी वाहनों का प्रवेश ही प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं, निजी वाहनों का भी शहर के अंदर से होकर निकलना आसान नहीं होगा। डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर जिले में दिनभर आयोजन होंगे। वार्ड, कॉलोनी और गांवों में होने वाली गोष्ठियों, सभाओं, रैलियों और शोभायात्रों में हजारों लोग शामिल होते हैं।
यहां होता है जिले का सबसे बड़ा आयोजन
जिले का सबसे बड़ा आयोजन मेरठ तिराहा पर स्थित आंबेडकर चौक पर होता है। यहां सुबह से देर रात तक करीब 100 शोभायात्रा ग्रामीण क्षेत्रों से चलकर पहुंचती हैं। वहीं, शहर से भी 100 से ज्यादा छोटी-बड़ी शोभायात्रा यहां पहुंचकर बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित करते हैं। विभिन्न संगठनों के राजनीतिक नेता इनसे अलग होते हैं। शोभायात्राएं शहर में प्रमुख मार्गों से होकर यहां पहुंचती हैं।
करीब 30 हजार लोग पहुंचते हैं आंबेडकर तिराहा
प्रशासनिक आंकलन के अनुसार, करीब 30 हजार लोग तहसील चौराहा और आंबेडकर तिराहा पर पहुंचते हैं। ऐसे में शहर के ज्यादातर मार्ग सुबह से शाम तक जाम के आगोश में रहते हैं। यहां से होकर वाहनों का निकलना संभव नहीं होता है। स्थिति यह है कि भीड़ के बीच से होकर वाहन का निकालना परेशानी का सबब बन सकता है। इसके चलते प्रशासन भी ज्यादातर वाहनों को शहर में आने से रोक देता है। उसके बावजूद हल्की वाहनों को नहीं रोका जाता है।
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स्थिति यह रहती है कि कई वाहन जुलूस के बीच में आ जाते हैं। लोगों की सुविधा इसी में है कि यदि उनको शहर के अंदर बहुत आवश्यक कार्य नहीं है, तो ऐसे मार्ग का प्रयोग करें, जहां से निकलने में मेरठ तिराहे और तहसील चौराहे का प्रयोग न करना पड़े।
इन मार्ग का करें प्रयोग
- मेरठ की ओर से आने-जाने वाले वाहन ततारपुर बाईपास का प्रयोग करें।
- मेरठ से दिल्ली की ओर जाने और दिल्ली से मेरठ को जाने वाले वाहन बाईपास से होकर निकलें।
- गढ़-बुलंदशहर से होकर मोदीनगर की ओर जाने वाले वाहन पिलखुवा से होकर निकलें।
शहर के अंदर आज बड़ी संख्या में जुलूस और शोभायात्रा रहेंगे। ऐसे में भारी वाहनों का प्रवेश शहर में रोक दिया गया है। हल्के वाहनों को भी अंदर से होकर नहीं निकालने की सलाह दी गई है। भीड़ के बीच से होकर वाहन निकालने में परेशानी हो सकती है। - छविराम, यातायात निरीक्षक
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