हापुड़ के बक्सर गांव में क्यों लगे 'मकान बिकाऊ' के पोस्टर? पलायन करने को मजबूर हैं लोग
हापुड़ के बक्सर गांव में जल निकासी की समस्या से वाल्मीकि समाज परेशान है। घरों में पानी भरने से तंग आकर लोगों ने 'मकान बिकाऊ' के पोस्टर लगाए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायतों के बावजूद प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा और सरकारी तालाब पर अवैध कब्जे के कारण समस्या और बढ़ गई है।
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बक्सर गांव में लगे मकान बिकाऊ के पोस्टर। जागरण
संंवाद सहयोगी, सिंभावली (हापुड़)। हापुड़ में सिंभावली के बक्सर गांव में जल निकासी की व्यवस्था ना होने से वाल्मीकि समाज के लोग लंबे समय से परेशान हैं। गली-मोहल्ले के साथ-साथ घरों में भी पानी भर जाता है। परेशान ग्रामीणों ने मकान बिकाऊ के पोस्टर दरवाजे पर लगा दिए, जबकि एक व्यक्ति मकान बेचकर चला गया है।
सिंभावली ब्लॉक के बक्सर गांव में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त और सेवा में आगे रहने वाला समाज स्वयं परेशान है। वाल्मीकि मोहल्ले में घरों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। लंबे समय से इस परेशानी से समाज के लोग जूझ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि कई सालों से मोहल्ले में हल्की सी बारिश होते ही जलभराव और गंदगी की परेशानी हैं। मोहल्ले में लगातार गंदा पानी भरा रहने से संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है। मोहल्ले में रहने वाले अजय कुमार ने बताया कि ब्लॉक से लेकर तहसील तक कई बार लिखित शिकायत की गई, लेकिन कोई भी गंभीरता से नहीं लेता है। अब मन बना लिया है कि गांव से मकान बेचकर कहीं और ठिकाना बनाएंगे।
ग्रामीण सतीश, संदीप कुमार, सुभाष, सुरेंद्र कुमार, बचन सिंह, सोमवीर, विनय कुमार, रामभूल, पिंटू, राजेंद्र, संदीप, अनिल का आरोप है कि सरकारी तालाब की भूमि पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है। जिस कारण जल निकासी में समस्या आ रही है, उन्होंने प्रशासन से जल समस्या के समाधान की मांग की है।
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कई सालों से मोहल्लेवासी जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं। इस संबंध में कई बार शिकायत की, लेकिन कोई भी समाधान नहीं हो पाया है। समाज का एक व्यक्ति मकान बेचकर चला गया है। - रामभूल, ग्रामीण
एक ही समाज का मोहल्ला होने के कारण ग्राम प्रधान और ब्लॉक के अधिकारी कोई भी समाधान कराने में दिलचस्पी नहीं दिख रहा है। इसलिए ग्रामीण मजबूरी में नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। - नरेंद्र कुमार, ग्रामीण
नए हाईवे के पास एक तालाब है, लेकिन इस तालाब पर वर्तमान स्थिति में अतिक्रमण किया हुआ है। इसलिए इसका रकबा घट गया है और पानी निकासी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। परेशान होकर अपना मकान बेच रहा हूं। - अजय कुमार, ग्रामीण
शिकायत पर एक-दो दिन अधिकारी फोन करते हैं। उसके बाद मामले को ठंडा बस्ती में डाल देते हैं। मौके पर आकर अधिकारी सुन तो उन्हें सारी बातें समझ में आए। - संदीप, ग्रामीण
इस संबंध में मुझे कोई लिखित पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। सूचना के आधार पर तहसील और ब्लॉक प्रशासन मिलकर ग्रामीणों की समस्या को सुनेगा और समाधान कराने का प्रयास करेंगे। - राहुल चौधरी, तहसीलदार

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