हापुड़ में 60 लाख का गांजा जब्त, चार तस्कर गिरफ्तार; प्रधान निकला मास्टरमाइंड
हापुड़ में एसटीएफ और देहात पुलिस ने ओडिशा से लाई जा रही 2.24 क्विंटल अवैध गांजे की बड़ी खेप पकड़ी है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 60 लाख रुपये आ ...और पढ़ें
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आरोपी गिरफ्तार। जागरण
जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और थाना हापुड़ देहात पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए ओडिशा से तस्करी कर लाए जा रहे अवैध गांजे की बड़ी खेप को पकड़ा है।
टीम ने 2.24 क्विंटल गांजा बरामद किया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत 60 लाख रुपये आंकी गई है। इस मामले में चार तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तस्करी नेटवर्क के मास्टरमाइंड और अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस छापामारी कर रही है।
थाना देहात प्रभारी निरीक्षक पटनीश कुमार ने बताया कि एसटीएफ की मेरठ यूनिट को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली थी कि ओडिशा से गांजे की बड़ी मात्रा तस्करी कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सप्लाई की जा रही है।
सूचना के आधार पर एसटीएफ ने उनसे संपर्क किया और एक संयुक्त टीम गठित की। टीम ने हापुड़ देहात क्षेत्र के किठौर रोड पर संदिग्ध वाहनों की जांच के लिए नाकाबंदी की। इसी दौरान दो संदिग्ध कार आती दिखीं। पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया, लेकिन आरोपितों ने फरार होने का प्रयास किया।
टीम ने तत्परता दिखाते हुए घेराबंदी की और दोनों वाहनों को रोक लिया। तलाशी के दौरान कारों से 2.24 क्विंटल गांजा मिला, जो प्लास्टिक की थैलियों में पैक था।
इसके अलावा, दो कार और चार मोबाइल फोन भी जब्त किए गए। गिरफ्तार तस्करों की पहचान जिला मेरठ के थाना इंचौली के गांव पबला का अनुज, टंकी के पास इंचौली के रहने वाला , अमजद, बीटा का राहुल और जिला शामली के गांव बुटराड़ा का खुशनूद खान के रूप में हुई है।
ग्राम प्रधान फरमान है मास्टरमाइंड
गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। आरोपितों ने बताया कि मुजफ्फरनगर जिले के थाना खतौली के ग्राम खोखनी के ग्राम प्रधान फरमान इस रैकेट का सरगना है। फरमान ने पहले सिवास खास के शाहआलम को ओडिशा भेजकर गांजा खरीदने का काम सौंपा था। बाद में इन चारों तस्करों को ओडिशा से गांजा लाने की जिम्मेदारी दी गई। गांजा ओडिशा के विश्वजीत नामक व्यक्ति से चार हजार रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा गया था।
इसे ग्राम खोखनी में फरमान द्वारा बताए गए स्थान पर उतारना था। जहां से यह आठ से दस हजार रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आगे बेचा जाता। अमजद मेरठ के गंगानगर में जैदी ई-रिक्शा एंड बैटरी एजेंसी चलाता है। वह मुनाफे के लालच में अपने मामा के जरिए फरमान से जुड़ा। अनुज गंगानगर में गीतांजलि नाम से ओयो होटल संचालित करता है। अमजद की जान-पहचान से इस धंधे में शामिल हुआ। राहुल खेतीबाड़ी करता है, जबकि खुशनूद खान ट्रक ड्राइवर है और 2021 से शाहआलम के साथ मिलकर तस्करी कर रहा है। एसटीएफ अब फरमान और शाहआलम की गिरफ्तारी के लिए मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में छापेमारी कर रही है। अधिकारियों का मानना है कि यह नेटवर्क पश्चिमी यूपी के कई जिलों में फैला हुआ है।
ओडिशा से उत्तर भारत तक गांजा तस्करी का जाल
ओडिशा भारत में गांजा उत्पादन का प्रमुख केंद्र है, जहां घने जंगल और आदिवासी इलाके इसकी अवैध खेती के लिए अनुकूल हैं। हाल के वर्षों में, ओडिशा से उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में गांजा तस्करी के मामले बढ़े हैं। एसटीएफ का आपरेशन प्रहार अभियान ऐसे नेटवर्क पर नकेल कस रहा हैं, लेकिन तस्कर नए रूट और तरीके अपनाते रहते हैं।

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