हापुड़ में एनएच-9 पर 85 लाख की लूट में उलझी कहानी, मुनीम के बयान और दर्ज रिपोर्ट में बड़ा विरोधाभास
हापुड़ में एनएच-9 पर हुई 85 लाख की लूट की कहानी उलझती जा रही है। मुनीम के बयान और पुलिस में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बड़ा विरोधाभास सामने आया है, जिसस ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
केशव त्यागी, हापुड़। थाना पिलखुवा क्षेत्र में एनएच-9 पर दिनदहाड़े 85 लाख रुपये की लूट का पर्दाफाश करने के लिए एडीजी और डीआईजी ने मेरठ रेंज के सभी जिलों की पुलिस को बदमाशों के पीछे लगा दिया है। सूत्रों के अनुसार, गौतमबुद्धनगर के दादरी के व्यापारी का मुनीम हवाले के रुपयों को लेकर हापुड़ से लौट रहा था। जिन व्यापारियों से रुपये लिए थे, वे रुपयों के बारे में सटीक ब्यौरा पुलिस को नहीं दे सके हैं।
दर्ज रिपोर्ट में भी किया गया खेल
उधर, दादरी के व्यापारी की तहरीर पर दर्ज हुई रिपोर्ट में भी खेल किया गया है। घटना के वक्त मुनीम व अधिकारियों ने बताया था कि हापुड़ से रुपये लेकर वह गौतमबुद्धनगर लौट रहा था। वहीं, रिपोर्ट में व्यापारी ने मुनीम को रुपये देकर हापुड़ भेजने का दावा किया है। अब बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद कई राज से पर्दा हटेगा।
खाकी से मिलीभगत या व्यापारियों का खेल
पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में गौतमबुद्धनगर के दादरी क्षेत्र में पुरानी अनाज मंडी के पास रहने वाले गोपाल गोयल ने बताया है कि सोमवार को उसने किसी काम के लिए मुनीम थाना जारचा के गांव ददुपुर के कीर्तन सिंह को 85 लाख रुपये लेकर हापुड़ भेजा था। काम न होने पर वह रुपये लेकर वापस लौट रहा था। सरस्वती मेडिकल कालेज के पास बाइक सवार दो बदमाशों ने मुनीम से रुपये लूटे। उधर, घटना के वक्त मुनीम बताया था कि वह हापुड़ स्थित गेंहू मंड़ी के दो व्यापारियों से रुपये लेकर लौट रहा था। अब सवाल यह है कि इतनी मोटी रकम को लेकर मुनीम अकेला और बाइक पर सवार होकर आया। सुरक्षा की अनदेखी की गई या फिर कोई बड़ा खेल किया गया।
व्यापारी के पुत्र को उठाया था दिल्ली पुलिस ने
सूत्रों के अनुसार मुनीम ने हापुड़ के जिस एक व्यापारी से रुपये लिए थे। कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस ने उसे उठाया था। उसके बैंक खाते में एक माह में दस करोड़ रुपयों की राशि ट्रांसफर की गई। पुलिस उसे लेकर दिल्ली लौट गई थी। बाद में साठगांठ कर पुलिस ने उसे को छोड़ा था। व्यापारी के पुत्र के अलावा उसके कई साथी हवाले के धंधे से जुड़े हैं। यह चर्चा पूरे शहर में जोरशोर से हो रही है।
खाक छान रही छह जिलों की पुलिस
एडीजी व डीआईजी ने हापुड़, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, नोएडा व गाजियाबाद पुलिस को बदमाशों की तलाश में लगाया है। टीमों ने पिछली लूट की घटनाओं में शामिल बदमाशों संदिग्धों व कई गिरोह के सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। गौतमबुद्धनगर व हापुड़ के व्यापारियों के प्रतिष्ठानों सहित करीब 350 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली है। मगर, अभी तक पुलिस के हाथ खाली है।
हाईवे गश्त की खुली पोल
हाईवे पेट्रोलिंग टीम व डायल-112 की गाड़ियां हाईवे पर सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि, अवैध उगाही के लिए तैनात हैं। पिछले कुछ सालों में हाईवे पर पशु, कबाड़ व अन्य वाहनों के चालकों से उगाही के कई मामले सामने आ चुके हैं। अगर, घटना के वक्त हाईवे पर तैनात पुलिसकर्मी अलर्ट होते तो बदमाशों को पकड़ा जा सकता था।
अपराधियों का अड्डा बना जिला
दिसंबर 2025 में रामा अस्पताल के पास गन्ने के खेत से काले सूटकेस में झारखंड की सोनिया का कंकाल मिला। 28 अगस्त 2025 को उसकी हत्या की गई फिर शव को सूटकेस में रखकर यहां फेंका।
जून 2025 में दिल्ली की नीलेश ने अपनी प्रेमिका पर शक के चलते हत्या की और शव को सूटकेस में बंद करके हापुड़ में फेंक दिया। नवंबर 2024 में एनएच-09 पर एटीएमएस कालेज के पास हाईवे किनारे सूटकेस में एक महिला का शव मिला।
नवंबर 2025 में हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर ब्रजघाट श्मशान घाट पर चार युवक 50 लाख रुपये के इंश्योरेंस क्लेम हड़पने के लिए पुतले की अंतिम संस्कार करने पहुंचे थे।
बोले जिम्मेदार...
"टीमें बदमाशों के पीछे लगी हैं। व्यापारियों से भी पूछताछ की जा रही है। जल्द ही वारदात का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।"
-ज्ञानंजय सिंह, एसपी
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