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    बारिश का कहर: बीम टूटने से गिरे मकान के मलबे में परिवार के छह लोग दबे, नौ वर्ष की बच्ची की मौत

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 08:35 PM (IST)

    हापुड़ के भीकनपुर गाँव में बारिश और कमजोर बीम के चलते एक मकान ढह गया जिसमें दबकर एक बच्ची की मौत हो गई। पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर मलबे से लोगों को निकाला और अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को सहायता का आश्वासन दिया है। यह घटना जर्जर मकानों के खतरे को दर्शाती है।

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    बच्ची की मौत के बाद विलाप करते स्वजन।

    जागरण संवाददाता, हापुड़: थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव भीकनपुर में बारिश और मकान की कमजोर बीम टूटने के कारण एक गरीब परिवार का आशियाना भरभराकर ढह गया। इस दर्दनाक हादसे में चार मासूम बच्चियां समेत छह लोग मलबे में दब गए।

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    सूचना पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से तत्परता दिखाते हुए मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला और उन्हें अस्पताल पहुंचाया।

    जहां एक बच्ची की उपचार के दौरान मौत हो गई है। इस हादसे ने न केवल पीड़ित परिवार को झकझोर दिया, बल्कि पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया।

    गांव भीकनपुर का शहजाद अपनी माता तोहीर, पत्नी फरहाना(30 वर्षीय), बेटियां माहिम (छह वर्षीय) और रिदा (चार वर्षीय) के साथ रहता है। उसका मकान की चिनाई मिट्टी से हुई थी।

    शुक्रवार दोपहर वह परिवार के सदस्यों को साथ घर पर था। इसी बीच पड़ोसी मनान की बेटी नमरा उर्फ निमरा (नौ वर्षीय), और यासीन की बेटी अर्शी (दस वर्षीय) उसके घर पर खेलने के लिए आ गई।

    बारिश होने पर मकान की कमजोर बीम टूटी

    तभी अचानक बारिश शुरू हो गई। इसके चलते फरीदा पशुओं को बारिश से बचाने के लिए घेर में चली गई। जबकि, अन्य सभी मकान के अंदर ही मौजूद थे।

    इसी बीच बारिश के कारण मकान की एक कमजोर बीम अचानक टूट गया, जिससे पूरा मकान धराशायी हो गया। इस कारण मलबे में शहजाद उसकी पत्नी फरहाना, बेटी माहिम, रिदा, पड़ोसी नमरा उर्फ निमरा व अर्शी मलबे में दब गई।

    हादसे के बाद आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। ग्रामीणों की मदद से मलबे में दबे सभी लोगों को बाहर निकाला गया और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया।

    अस्पताल में तोड़ा नमरा उर्फ निमरा ने दम

    अस्पताल में भर्ती पांचों घायलों में निमरा की हालत सबसे गंभीर थी। उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। जबकि, माहिम, फरहाना, रिदा और अर्शी की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। राजमिस्त्री यासीन को भी मामूली चोटें आई हैं। वह खतरे से बाहर हैं।

    ग्रामीणों और पुलिस की तत्परता

    हादसे के बाद पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर जिस तरह से राहत कार्य किया, वह काबिले-तारीफ है। ग्रामीणों ने बताया कि मकान गिरने की आवाज सुनते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और मलबा हटाने में जुट गए।

    पुलिस ने भी बिना देरी किए मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। स्थानीय लोगों ने बताया कि हमने बच्चों की चीखें सुनीं और तुरंत दौड़ पड़े। मलबा इतना भारी था कि उसे हटाने में काफी समय लगा, लेकिन हमने हार नहीं मानी। अगर, थोड़ी देर होती तो कई जान जा सकती थी।

    जिला प्रशासन ने शुरू की हादसे की जांच

    प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया। एडीएम संदीप सिंह, एसडीएम ईला प्रकाश, एएसपी विनीत भटनागर समेत अन्य अधिकारी गांव व अस्पताल में पहुंचे।

    अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। एडीएम ने बताया कि मकान के ढहने के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

    प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मकान की बीम पुरानी और कमजोर थी, जिसे बारिश ने और नुकसान पहुंचाया। मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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