कहचरी के बाहर 2022 के लखन हत्याकांड में हापुड़ कोर्ट का फैसला, तीन दोषियों को आजीवन कारावास
हापुड़ में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने लखन हत्याकांड के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 2022 में कचहरी के बाहर हुई इस हत्या की कहानी 2019 के बाराती हत्याकांड से जुड़ी है जिसमें गैंगवार के चलते दो भाइयों की जान गई थी। मृतक लखन सिरोली गैंग का सदस्य था जिसकी हत्या का बदला लिया गया। अदालत ने दोषियों पर जुर्माना भी लगाया।

केशव त्यागी, हापुड़। जिले में एक पुरानी गैंगवार की रंजिश का खूनी अध्याय खत्म हुआ। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम विपिन कुमार द्वितीय ने 16 अगस्त 2022 को कचहरी के सामने हुए लखन हत्याकांड के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
कोर्ट ने सुनील चचूड़ा, वीरू उर्फ वीरपाल और पप्पन उर्फ संजय को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रत्येक पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, जिसे जमा न करने पर दोषियों को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
फिलहाल सुनील चचूड़ा गौतमबुद्धनगर और वीरू उर्फ वीरपाल व पप्पन उर्फ संजय गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं।
अपर जिला शासकीय वकील नरेश चंद शर्मा ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के ठीक बाद 16 अगस्त 2022 को हापुड़ कचहरी के मुख्य गेट पर सुबह करीब साढ़े दस बजे फरीदाबाद जेल से पुलिस कस्टडी में पेशी के लिए लाए गए कुख्यात हिस्ट्रीशीटर हरियाणा के अनंगपुर गांव के लखन सिंह पर तीन हथियारबंद हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
चार-पांच गोलियां लखन के सीने और सिर में लगीं और वह लहूलुहान होकर सड़क पर गिर पड़ा। गोलीबारी इतनी हिंसक थी कि एक गोली हरियाणा पुलिस के कांस्टेबल ओमप्रकाश को लगी थी।
वह लखन की सुरक्षा में थे। ओमप्रकाश किसी तरह बच गए, लेकिन कचहरी परिसर में भगदड़ मच गई।लोग चीखते-चिल्लाते भागे, और बदमाश पिस्टल लहराते हुए रघुवीर गंज की तंग गलियों से फरार हो गए। घटनास्थल पर खून की धार बही और शहर में दहशत फैल गई।
बाराती हत्याओं से शुरू हुआ खूनी सिलसिला
इस हत्याकांड की असली कहानी 2019 से जुड़ी है, जब धौलाना थाना क्षेत्र के गांव उदयरामपुर नंगला में एक शादी की बारात में खुशियां खून में बदल गईं। हरियाणा के अनंगपुर गांव के देवेंद्र सिंह के दो बेटे सागर और सचिन की बारात उदयरामपुर में पहुंची थी।
शाम ढलते ही बाइक सवार हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। गोली लगने से दोनों भाई मौके पर ढेर हो गए। जांच में सामने आया कि यह हमला पवन सिरोली-लोनी गैंग और अनंगपुर गैंग के बीच की दुश्मनी का नतीजा था।
लखन सिंह सिरोली गैंग का सक्रिय सदस्य व इस हत्याकांड का प्रमुख आरोपी था। यह रंजिश सालों तक सुलगती रही और 16 अगस्त 2022 को कचहरी के बाहर लाखन की हत्या इसका बदला साबित हुई। मुख्य साजिशकर्ता मोलू भी अनंगपुर गांव का ही था। जिसने 12 लाख रुपये की सुपारी दी थी।
लखन के भाई पवन ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट
पवन के मुताबिक, हमलावर ग्रेटर नोएडा के चचूड़ा दनकौर के सुनील चचूड़ा (एक लाख रुपये का पुराना इनामी बदमाश), फरीदाबाद के अनंगपुर के पप्पन उर्फ संजय और वीरू थे। कवर फायरिंग के लिए कुलदीप, सचिन उर्फ सच्चे, अमित उर्फ ऐम्मी, सुभाष और अन्य शामिल थे।
सुनील चचूड़ा ने घटना के कुछ घंटों बाद ही गौतमबुद्धनगर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। बाकी पुलिस की मुठभेड़ों में पकड़े गए।
मामले में कुल 18 आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की, लेकिन न्यायालय ने कुलदीप, सचिन उर्फ सच्चे, अमित, सुभाष, शिवम पंडित, अंकित, मनीष, अमित, भोला जाट, सतेंद्र उर्फ भोलू, सुमित, मोहित और रणदीप भाटी को दोषमुक्त करार दिया है।
लंबी कानूनी लड़ाई, 40 गवाह और ढाई साल की सुनवाई
मुकदमे में कुल 40 गवाह थे, जिनमें से ढाई साल में 22 ने गवाही दी। अभियुक्त पक्ष ने सात गवाह पेश किए। मई 2025 में आरोपितों को भारी सुरक्षा के बीच कचहरी लाया गया, क्योंकि रंजिश का डर था।
पुलिस ने 17 आरोपियों पर गैंगस्टर और दो पर रासुका की कार्रवाई भी की थी। यह फैसला गैंगवार पर लगाम लगाने का संदेश है।
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