हापुड़ में अवैध कटों पर लगी लगाम, लगातार अपना रंग दिखा रहा दैनिक जागरण का अभियान
हापुड़ में अवैध कटों के खिलाफ दैनिक जागरण के अभियान के चलते प्रशासन ने तीन खतरनाक कटों को बंद कर दिया है। ये कट ब्लैक स्पॉट थे, जहां अक्सर दुर्घटनाएं ...और पढ़ें

ज्ञानंजय सिंह, एसपी। जागरण
केशव त्यागी, हापुड़। हापुड़ में सड़क दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह बन चुके अवैध कटों के खिलाफ दैनिक जागरण का अभियान लगातार अपना रंग दिखा रहा है। प्रशासन व पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बुधवार को तीन और बेहद खतरनाक अवैध कटों को हमेशा के लिए बंद करा दिया गया है। खास बात यह है कि बंद किए गए सभी कट ब्लैक स्पाट की सूची में शामिल थे, जहां हर साल दर्जनों लोग अपनी जान गंवा बैठते थे।
खतरनाक ब्लैक स्पॉट उदय होटल कट बंद
थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के पुराने हाईवे एनएच-09 पर उदय होटल के सामने बना अवैध कट जिले का सबसे खतरनाक ब्लैक स्पॉट था। यहां हर साल 10 से 12 लोगों की जान चली जाती थी, जबकि 25 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल होते थे। बुधवार सुबह पुलिस बल के साथ पहुंची टीम ने इस कट को पूरी तरह बंद करा दिया।
स्थानीय निवासी शेखर चौधरी ने कहा कि दैनिक जागरण ने लगातार खबरें प्रकाशित कर जनता आवाज को प्रशासन तक पहुंचाया। अगर, यह कट नहीं बंद नहीं होता तो मौतों का सिलसिला कभी नहीं रुकता।
शार्टकट लेने वालों का चक्कर खत्म
नगर कोतवाली क्षेत्र के दिल्ली रोड पर गांव सबली के पास बना यह कट शार्टकट के चक्कर में लोगों की जान का दुश्मन बन चुका था। गलत दिशा में वाहन निकालने की वजह से यहां आए दिन भयंकर दुर्घटनाएं होती थीं। बुधवार को पुलिस ने इसे पूरी तरह बंद करा दिया।
स्थानीय निवासी ऋषभ वर्मा समेत अन्य लोगों ने बताया कि दैनिक जागरण की खबरों ने प्रशासन को झकझोरा। अवैध कट बंद होने से न सिर्फ दुर्घटनाएं रुकेंगी बल्कि लोग सुरक्षित सफर कर सकेंगे।
खतरनाक मोड़ पर अब नहीं होगी मौत
नगर के एनएच-09 पर निजामपुर के पास बाईपास के निकट यह कट सड़क में उचित घुमाव न होने की वजह से जानलेवा था। सामने से अचानक वाहन आ जाने के कारण कई गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। आमने-सामने से भी यहां वाहन अक्सर भिड़ जाते हैं। बुधवार को पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर इस अवैध कट को बंद कराया।
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स्थानीय निवासी विक्रम तोमर ने बताया कि दैनिक जागरण ने इस समस्या को बार-बार उठाया, तभी आज यह संभव हो पाया।
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अब तक नौ कट बंद हो चुके हैं। शेष बचे कटों को या तो पूरी तरह बंद कराया जाएगा या ऐसी तकनीकी व्यवस्था की जाएगी कि वहां दुर्घटना की कोई गुंजाइश न रहे। - ज्ञानंजय सिंह, पुलिस अधीक्षक

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