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    हैप्पी बर्थडे हापुड़: पहले पंचशीलनगर था जिले का नाम, जन्म के 12 साल बाद भी कर रहा अपने हिस्से का इंतजार

    By Dharampal AryaEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Thu, 28 Sep 2023 03:38 PM (IST)

    Hapur Foundation Day जिला बनने के 12 साल बाद भी हापुड़ को अपेक्षित क्षेत्रफल नहीं मिल पाया। हापुड़ जिले को पहले पंचशीलनगर के नाम से जाना जाता था। पंचशीलनगर जिले की स्थापना 28 सितंबर 2011 को हुई थी। दो साल बाद इसका नाम हापुड़ रखा गया। मेरठ और बुलंदशहर का कुछ हिस्सा जिले में शामिल किया जाना था लेकिन अभी तक इसका इंतजार किया जा रहा है।

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    हैप्पी बर्थडे हापुड़: हे खेवनहार, थोड़ा और दीजिए मुझको विस्तार

    हापुड़ [ठाकुर डीपी आर्य]। Hapur Foundation Day : मैं हापुड़ बोल रहा हूं। दिल की कुछ सलवट आपसे खोल रहा हूं। आज मेरा जन्मदिन है। मैं पूरे 12 साल का हो चुका हूं। इस जीवनकाल में मैंने राजनीति, शिक्षा, पर्यटन और उद्योग के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं।

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    जन्म के कुछ महीने बाद ही मेरा नाम परिवर्तन कर दिया गया, उसके बाद मैं अपने विकास पथ पर बढ़ता रहा।प्रदेश के खेवनहार ने बार-बार के आश्वासन के बावजूद मुझको मेरा हिस्सा अभी तक नहीं दिया।

    अब मैं बाल्यकाल से निकलकर किशोरवय होने वाला हूं। ऐसे में मुझको मेरा भूभाग दिया जाना चाहिए। अपना क्षेत्रफल पाते ही मैं बड़ा हो जाऊंगा और अपने भाईयों मेरठ-गाजियाबाद-बुलंदशहर के साथ मिलकर विकास पथ पर बढ़ सकूंगा।

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    28 सितंबर 2011 को बना था जिला

    मेरा जन्म 28 सितंबर 2011 को हुआ था। मेरा बचपन का नाम पंचशीलनगर रखा गया। दो साल बाद मेरा नामकरण करके हापुड़ कर दिया गया। मेरे भाई गाजियाबाद ने मेरा हिस्सा दे दिया था, लेकिन बुलंदशहर और मेरठ को मेरा हिस्सा देना था। साल दर साल इंतजार करने के बावजूद मेरा हिस्सा नहीं दिया गया।

    (Screenshot Credit- Google maps)

    मेरठ के खरखौदा विकास खंड के 27 गांव मुझको मिलने थे। इसी तरह बुलंदशहर के 89 गांव मेरे हैं। उनके साथ ही मेरा विस्तार हो जाएगा। प्रदेश के खेवनहार ने एक ओर जहां ब्रजघाट को हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करना शुरू कर दिया है।

    वहीं अत्याधुनिक हाईवे से मुझको सुसज्जित किया गया है। पिलखुवा और धौलाना के बाद अब गढ़मुक्तेवर में गंगा-एक्सप्रेसवे के साथ नया औद्योगिक नगर बसाया जा रहा है। मेरे पिलखुआ के बनें तौलिए और चादर, हापुड़ के पापड़, गढ़मुक्तेवर के चीनी-गुड़ और धौलाना का उद्योग वैश्विक स्तर पर नए कीर्तिमान बना रहे हैं।

    ऐसे में राजनीति से दूर रहकर विकास के लिए आश्वयक मेरा क्षेत्र दिया जाना चाहिए। उसके साथ ही मेरा राजनीतिक कद भी बढ़ जाएगा।

    जिले के विस्तारीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उसका रिमांइडर भी भेज दिया गया है। अभी तक शासन से कोई निर्णय नहीं हुआ है। शासन से निर्देश प्राप्त होते ही विस्तारीकरण का कार्य कर लिया जाएगा।

    - प्रेरणा शर्मा, जिलाधिकारी, हापुड़

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