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    कोहरे से आलू में झुलसा, सरसों में माहू... गढ़मुक्तेश्वर के किसानों की बढ़ी चिंता; आवारा पशुओं से भी नुकसान

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 03:58 PM (IST)

    गढ़मुक्तेश्वर में कोहरे के कारण आलू और सरसों की फसलों में बीमारियां फैल गई हैं, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। आलू में झुलसा रोग और सरसों में माहू ...और पढ़ें

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    गढ़मुक्तेश्वर में कोहरे के कारण आलू और सरसों की फसलों में बीमारियां फैल गई हैं। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, गढ़मुक्तेश्वर। आवारा पशुओं, बंदरों और नीलगाय के कारण फसलों को पहले से ही काफी नुकसान हो रहा है। इस बीच, लगातार कोहरे के कारण सरसों और आलू की फसलों में बीमारियां शुरू हो गई हैं। इससे किसानों में चिंता बढ़ गई है।

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    जिले में बड़ी संख्या में किसान आलू और सरसों की खेती करते हैं। आलू की खेती लगभग 4680 हेक्टेयर में होती है, जबकि सरसों की खेती लगभग 5800 हेक्टेयर में की जाती है। पिछले दो सालों से धान और गन्ने की फसलों का उत्पादन लगातार घट रहा है। नतीजतन, अधिकांश किसान गन्ने की खेती से दूर होकर दूसरी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। इन फसलों में भी आवारा पशु, नीलगाय और बंदर काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

    इस साल बुवाई के समय तापमान अनुकूल था, जिससे किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद थी। पिछले दो हफ्तों के कोहरे से गेहूं की फसल को तो फायदा होगा, लेकिन आलू में झुलसा रोग और सरसों में माहू लग गया है। इससे किसान चिंतित हैं। अपनी फसलों को बीमारी से बचाने के लिए किसान कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे हैं। इससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

    विवरण मान
    आलू की खेती का क्षेत्रफल (हेक्टेयर में) 4680
    आलू की खेती करने वाले किसान 12800
    सरसों की खेती का क्षेत्रफल (हेक्टेयर में) 5800
    सरसों की खेती में शामिल किसान 16200

    कोहरे वाले मौसम में आलू और सरसों की फसलों में बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में किसानों को प्रति एकड़ इमिडा 100 मिली और एम-45 मैनकोजेब एक किलो का छिड़काव करना चाहिए। सरसों के लिए, केवल इमिडा का छिड़काव करना चाहिए। -ज्ञानवीर सिंह चड्ढा, एडीओ कृषि