कितना खतरनाक था कुख्यात डब्लू यादव? मुठभेड़ में ढेर होने के बाद खुली क्राइम कुंडली
हापुड़ में बिहार के कुख्यात अपराधी डब्लू यादव को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। डब्लू यादव पर 2025 में एक राजनीतिक नेता की हत्या का आरोप था और वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छिप रहा था। उसके खिलाफ हत्या लूट और डकैती जैसे 24 मामले दर्ज थे। राजनीतिक संबंधों के कारण वह लंबे समय तक कानून से बचता रहा था।

केशव त्यागी, हापुड़। करीब डेढ़ दशक से बिहार के लिए आतंक का पर्याय बने जिला बेगूसराय के थाना साहेबपुर के गांव ज्ञान टोला का डब्लू यादव पिछले करीब डेढ़ माह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश व दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में ठिकाने बदल-बदल कर शरण लिए हुए था।
वहीं, यूपी-बिहार की एसटीएफ की टीमें उसे दबोचने के लिए जाल बिछा रही थीं। मगर, हर बार वह उन्हें चकमा देकर बच निकलता था। मगर, हर अपराधी की तरह रविवार देर रात मुठभेड़ में ढेर होने के बाद डब्लू यादव की कहानी का अध्याय भी हमेशा के लिए बंद हो गया।
एसटीएफ नोएडा के एएसपी आर.के. मिश्रा ने बताया कि डब्लू यादव ने अपने साथियों संग मिलकर 24 मई 2025 को बेगूसराय के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम पार्टी) के प्रखंड अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता विकास कुमार उर्फ राकेश कदम की अपहरण के बाद हत्या कर दी थी।
वहीं, जून माह में एसटीएफ ने राकेश हत्याकांड में शामिल व 25 हजार रुपये के इनामी राजीव यादव को गौतमबुद्ध नगर के दादरी से पकड़ा था। उससे जानकारी मिली कि डब्लू यादव पश्चिमी उत्तर प्रदेश व दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में ठिकाने बदल-बदल कर रह रहा है। जिसके बाद बिहार व यूपी एसटीएफ की टीम डब्लू को दबोचने के लिए निरंतर जुटी थी।
बताया गया कि रविवार देर रात मुठभेड़ में डब्लू को गोली लगी। 15 सालों से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। उसके खिलाफ दर्ज 24 मामलों में दो हत्या, छह हत्या के प्रयास, दो लूट, एक डकैती और दो रंगदारी के जैसे कुल 24 संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे। इनमें से 22 मुकदमे सिर्फ बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र में दर्ज हैं।
इसके अलावा एक मुकदमा बलिया उत्तर प्रदेश और एक मुंगेर बिहार में दर्ज है। डब्लू का आपराधिक नेटवर्क बेगूसराय तक सीमित नहीं था बल्कि, वह उत्तर प्रदेश के व्यापारियों को निशाना बना रहा था।
मां से तू-तू मैं-मैं होने पर किया की हत्या
राकेश साह उर्फ विकास की कुख्यात अपराधी डब्लू यादव की मां से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। इसके बाद उसके लगभग एक दर्जन हथियारबंद साथियों ने घर के राकेश को अगवा कर लिया और हत्या की। राकेश का शव मुंगेर थाना क्षेत्र के सीता चरण मंदिर क्षेत्र स्थित दियारे से बरामद किया गया।
राकेश हत्याकांड में ही जेल में बंद है पत्नी
डब्लू यादव की पंचायत स्तर पर उसकी इतनी हनक थी कि उसने अपनी पत्नी को सरपंच बना दिया। बहुचर्चित राकेश हत्याकांड में उसकी पत्नी फिलहाल बेगूसराय जेल में बंद है। हत्या के बाद पुलिस ने डब्लू यादव के घर की कुर्की-जब्ती भी की थी, लेकिन डब्लू यादव पुलिस की गिरफ्त से बाहर था।
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उधर, राकेश की मां ने पुलिस से डब्लू को फांसी दिलाने की गुहार लगाई थी। अब डब्लू यादव की के बाद मृतक राकेश के स्वजन ने संतोष जताया है।
राजनीतिक रसूख के चलते बचता रहा डब्लू
बेगूसराय और आसपास के क्षेत्रों में डब्लू यादव का नाम लोगों के बीच खौफ और दहशत से जुड़ा हुआ था। राजनीतिक रसूख और लोकल नेटवर्क का उपयोग कर लंबे समय तक कानून की पकड़ से बाहर बना रहा। उसके खिलाफ कई ऐसे मामले थे जिनमें गवाहों को धमकाया गया, मुकदमों को प्रभावित किया गया। ऐसे ही एक मामले में उसके खिलाफ न्यायालय में गवाही देने पर उसने 2017 में महेंद्र यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या से पहले उसे धमकी भी दी गई थी।
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