हापुड़ में करोड़ों का बजट बेकार, बिना निकासी का नाला बना; अब उठ रहे ये सवाल
हापुड़ में गढ़ रोड पर सीएचसी के पास बना नाला भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। नगर पालिका ने दो बार नाला बनवाया, लेकिन निकासी की व्यवस्था नहीं की। सात सा ...और पढ़ें
-1765795944469.webp)
मुकुल मिश्रा, हापुड़। हापुड़ में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत व इंजीनियर की मनमानी देखनी हो तो गढ़ रोड पर सीएचसी की साइड के नाले पर गौर कीजिए। यह नाला नगर पालिका द्वारा दो बार बनवाया गया। एक बार इसका लेवल ही उल्टा कर दिया गया, जिसमें पानी जा ही नहीं पाया। उसके बाद दोबारा से बजट आवंटित करके इसका निर्माण कराया गया। तब ठेकेदार ने इसका निकास ही कहीं पर नहीं दिया। ऐसे में नाले में पानी तो जाता है, लेकिन आगे निकल नहीं पाता है।
वहीं, ऐसे में सात साल से नाले का पानी पंप से खींचकर दूसरी ओर डाला जा रहा है। हालांकि, इस मामले में संबंधित ठेकेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, लेकिन उससे वसूली आज तक नहीं हो पाई। अब जिलाधिकारी की पहल पर प्राधिकरण एक साइड का नालाबनवा रहा है। वहीं, दूसरी साइड का नाला पालिका को निर्माण कराने को कहा है।
एनसीआर के प्रमुख शहरों में शामिल हाेकर विकास की राह पर बढ़ रहे हापुड़ की बदहाली देखनी हो तो लाइनपार क्षेत्र में आइए। इस क्षेत्र में स्थित भीमनगर, मंडी, साकेत, सर्वोदय, एलएन, श्रीनगर और गिरधारीनगर कॉलोनियों में तीन लाख से ज्यादा लोग निवास करते हैं। यह क्षेत्र अपने विकास को तरस रहा है।
इस क्षेत्र के लोगों को विकास के नाम पर ऐसा झुनझुना थमा दिया गया, जिससे वह आगे बढ़ने की बजाय पिछड़ते गए। यूं तो यहां पर समस्याओं का अंबार लगा है, लेकिन सबसे ज्वलंत समस्या है, जल निगासी की।
दरअसल, एक दशक पहले रेलवे ट्रैक के नीचे पुलिस से होकर इस क्षेत्र का पानी शहर की ओर नाले में मिलता था। तब से रेलवे ट्रैक के नीचे की पुलिस बंद पड़ी हैं। उससे होकर जल निकासी ना के बराकर हो रही है।
ऐसे में प्रशासन ने इस क्षेत्र में दोनों ओर नाले बनवाकर जलनिकासी काली नदी में कराने की योजना तैयार की थी। तब से तीन बार नालों का निर्माण हुआ, लेकिन उनकी निकासी नहीं हो सकी। नालों को अधूरा बनाकर ही छोड़ दिया गया। एक साइड का नाला सीएचसी के सामने तक ही बनाया गया है। उसकी निकासी नहीं दी गई है।
यह भी पढ़ें- खेती की जमीन निगल रही अवैध कॉलोनियां, हरे पेड़ कटे तो हरियाली मिटी
ऐसे में पंप से उसका पानी खींचकर दूसरी ओर के नाले में सात साल से डाला जा रहा है। अब दूसरी साइड के नाले का निर्माण कराया जा रहा है। ऐसे में गंदा पानी पूरे क्षेत्र में फैल रहा है। इसके साथ ही संक्रमण फैल जाता है। वर्षा हो जाने तक तो इस क्षेत्र में घंटों तक जलकर्फ्यू जैसी स्थिति बन जाती है।
लोगोंं के सवाल, जिनका उत्तर नहीं मिलता?
- कई बार बनाने के बावजूद नालों को अधूरा क्यों छोड़ा गया?
- बिना निकासी वाले नाले का आउटर क्यों नहीं दिया गया?
- इन नालों के अधूरे होने के बावजूद भुगतान क्यों किया गया?
- दोबारा बजट जारी होने के बावजूद नाले का निर्माण आगे की आेर क्यों नहीं किया गया। पहले की ही मरम्मत क्यों कराई गई।
हमने क्षेत्र की समस्याओं को पालिका के हाउस में उठाया है। पहले के चेयरमैन ने अधूरे नाले बनवाकर छोड़ दिए थे। अब एक साइड का नाला एचपीडीए बनवा रहा है। वहीं दूसरी साइड का पालिका को बनवाना है। - जगन सिंह- क्षेत्रीय पार्षद
प्राधिकरण द्वारा नाले का निर्माण कराया जा रहा है। इसका निर्माण पूर्ण हो जाने पर बिना निकासी वाले नाले का पानी पहले की तरह पंप से उसमें डाला जाता रहेगा। उसके बाद पालिका से बिना निकासी वाले इस नाले का निर्माण पूरा कराया जाएगा। - इला प्रकाश - एसडीएम

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।