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    हापुड़ के अस्पतालों में अचानक क्यों बढ़ने लगे मरीज? जिला अस्पताल में 1800 तो सीएचसी में 1450 नए रोगी पहुंचे

    हापुड़ में मौसम के बदलाव के कारण वायरल बुखार तेजी से फैल रहा है जिससे अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। बच्चों पर इसका ज्यादा असर दिख रहा है। डॉक्टर बदलते मौसम में सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं और खुले में बिकने वाली चीजों से परहेज करने को कह रहे हैं। वायरल बुखार से पीड़ित लोगों को क्वारंटीन में रहने की सलाह दी गई है।

    By mukul mishra Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 18 Aug 2025 03:45 PM (IST)
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    वायरल बुखार की चपेट में आ रहे बच्चे, पेट दर्द से हो रहे परेशान।

    जागरण संवाददाता, हापुड़। वर्षा के कारण मौसम में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव के चलते लोग बीमार हो रहे हैं। जिले में तेजी से वायरल बुखार फैल रहा है। जिसका असर बच्चों में अधिक देखने को मिल रहा है। करीब-करीब हर घर में इस समय बुखार के मरीज हैं। सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की भरमार है। बुजुर्गों के भी जोड़ों में दर्द की समस्या आ रही है। वहीं त्वचा रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।

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    सरकारी अस्पतालों की हालत यह है कि मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में सोमवार को 1800 से अधिक और सीएचसी में करीब 1450 नए मरीज पहुंचे। सुबह से ही काउंटर पर भीड़ लगी रही। पर्चे के लिए धक्कामुक्की भी देखने को मिली। सबसे अधिक मेडिसिन विभाग में मरीजों की भीड़ देखने को मिली। इनमें सबसे अधिक वायरल बुखार, डायरिया के मरीज रहे।

    जिला अस्पताल के पूर्व सीएमएस व वरिष्ठ फिजीशियन डा. प्रदीप मित्तल ने बताया कि बदलते मौसम के कारण लोगों को वायरल बुखार हो रहा है। इसमें तेज बुखार, सिर-पेट में दर्द और घबराहट भी हो रही है। शुरूआत में मांसपेशियों में दर्द, थकान महसूस होती है। पांच से आठ घंटे बाद बुखार आ रहा है। मरीज के आसपास के लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। उल्टी-दस्त होने से मरीजों की हालत और अधिक बिगड़ रही है। इनमें से पांच से आठ मरीजों को भर्ती भी करना पड़ रहा है।

    सीएचसी के अधीक्षक व शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. समरेंद्र राय ने बताया कि वायरल बुखार, डायरिया व पीलिया के सबसे अधिक मामले आ रहे हैं। दूषित पानी व स्टालों पर बिकने वाली खुली खाद्य सामग्री से पीलिया अधिक हो रहा है। बदलते मौसम में बच्चों को तेल बुखार, गले में दर्द, खराश, खांसी हो रही है। इस मौसम में अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

    फंगल इंफेक्शन के भी बढ़ रहे मरीज

    डा. प्रदीप मित्तल ने बताया कि इस मौसम में लाल दाने, चकत्ते, खुजली और फंगल इंफेक्शन के मरीज बढ़ रहे हैं। बाल टूटने की समस्या भी बढ़ रही है। इन्हें दवा देने के साथ शरीर की सफाई रखने के लिए सलाह दी जा रही है।

    ये बरतें सावधानियां

    - वायरल के मरीज खुद को क्वारंटीन करें।

    - विशेषज्ञ चिकित्सक से ही परामर्श लें।

    - खांसी, जुकाम होने पर बच्चों को स्कूल न भेजें, मास्क का प्रयोग करें।

    - खुले में बिकने वाली सामग्री, बच्चों को बर्फ के गोलो वाली आइसक्रीम न खिलाएं।

    - पानी को उबालकर ठंडा होने के बाद पिये। रेफ्रीरेटर में रखा बासी भोजन न खाएं।

    - पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, आसपास जलभराव न होने दें।

    - कूलर की टंकी के पानी को प्रत्येक सप्ताह बदलें।

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