हापुड़ एटीएस ने रोहिंग्या मुस्लिम को किया गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज बरामद; जांच में जुटी पुलिस
हापुड़ में एटीएस और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए शेखपुर खिचरा से एक रोहिंग्या मुस्लिम सैय्यद हुसैन को गिरफ्तार किया। वह म्यांमार से भागकर भारत में अवैध रूप से घुसा था और फर्जी दस्तावेजों के सहारे रह रहा था। पुलिस ने उसके कब्जे से फर्जी पहचान पत्र और अन्य सामग्री बरामद की है। सैय्यद हुसैन की गिरफ्तारी रोहिंग्या घुसपैठ की साजिश को उजागर करती है।

जागरण संवाददाता, हापुड़। एटीएस नोएडा (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) की टीम ने थाना धौलाना पुलिस के साथ मिलकर बड़ी कार्रवाई करते हुए गांव शेखपुर खिचरा से रोहिंग्या मुस्लिम को गिरफ्तार किया है। आरोपित म्यांमार के माउंगडाव जिले के रगमुगुना गांव का सैय्य हुसैन है।
इससे ओप्पो मोबाइल फोन, रिलायंस जियो का सिम कार्ड, फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड वोटर आईडी कार्ड, शरणार्थी प्रमाण पत्र, पासपोर्ट बरामद हुआ है। करीब 12 साल पहले वह म्यांमार से भागकर भारत में अवैध रूप से घुसा था।
तभी से फर्जी पहचान पत्रों के सहारे उसने यहां जड़ें जमाई हुई थीं। इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर रोहिंग्या घुसपैठ की साजिश को उजागर किया है। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसके सहयोगियों की तलाश शुरू कर दी है।
एटीएस नोएडा यूनिट के उपनिरीक्षक आशीष भारद्वाज ने बताया कि रोहिंग्या की सूचना मिलने पर वह टीम के साथ धौलाना के यूपीएसआईडीसी फेज-3 में पहुंचे। उन्होंने स्थानीय पुलिस की मदद से गैलेक्सी पालिपैक कंपनी के पास एक संदिग्ध को दबोच लिया।
पूछताछ में उसने बताया कि वह रोहिंग्या और म्यांमार के माउंगडाव जिले के रगमुगुना गांव का सैय्यद हुसैन है। वर्ष 2013 में उसके गांव का हबीबुल्लाह ने उसे बांग्लादेश के रास्ते पश्चिम बंगाल के हावड़ा में लाया था। जिसके बाद उसकी घुसपैठ भारत में कराई थी। इसके लिए हबीबुल्लाह ने उससे चार हजार रुपये लिए थे।
जिला पुलिस से लेकर लोकल इंटेलिजेंस हुई फेल
सैय्यद हुसैन ने बताया कि भारत में घुसने के बाद वह हबीबुल्लाह के साथ थाना हापुड़ देहात क्षेत्र के गांव गोंदी में लेकर पहुंचा। जहां वह दो दिन तक एक किराए के मकान में रहा। इसके बाद वह गांव अल्लीपुर में मीट फैक्ट्री में काम करने लगा। यहां कुछ दिन काम करने के बाद वह थाना धौलाना के खिचरा में पहुंचा। यहां उसने एक गम बनाने की फैक्ट्री में काम शुरू कर दिया।
वर्तमान में वह बिलाल मस्जिद के पास किराए के मकान में रह रहा था। 12 साल से वह जिले की सीमा में रह रहा है। फिर भी उसे पकड़ने में पुलिस व लोकल इंटेलिजेंस फेल साबित रही। हालांकि, हबीबुल्लाह की मौत हो चुकी है।
मेरठ से बनवाए थे फर्जी दस्तावेज
आरोपित ने बताया कि उससे बरामद फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड वोटर आईडी कार्ड, शरणार्थी प्रमाण पत्र व पासपोर्ट उसने मेरठ से बनवाए थे। दस्तावेज बनवाने के लिए मेरठ का पता दिया गया था। इस काम में कुछ लोगों ने उसकी मदद की थी। जिसके बदले उन्होंने उससे रुपये भी लिए थे। एटीएस अब उन लोगों की तलाश में है जिन्होंने सैयद को यह दस्तावेज मुहैया कराए थे। इसके साथ ही उसके शरणार्थी प्रमाण पत्र की भी जांच की जा रही है।
बार-बार हो रही गिरफ्तारी
29 अप्रैल 2024 एटीएस मेरठ शेखुर खिचरा से म्यांमार के जिला अक्याब के गांव रम्मी उरविल का एक बाल अपचारी(किशोर), जन्नतउल्ला, अयास, फैयाज, रियास, जफर आलम, थाना मोंगडू के गांव बक्सुफोरा फालिनगिरी का नबी हुसैन, समसुल आलम, अजीजुल्ला, नूर मोहम्मद, मोहम्मद रफीक, गांव लोंगदुम का नूर आलम, रुआईयूदम का अजीमुल्ला, गांव कासरविल का दिल मोहम्मद, रूकवान और एक बाल अपचारी (किशोरी) को पकड़ा था। 29 अप्रैल 2022 थाना धौलाना पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान दिल मोहम्मद और फैय्याज को गिरफ्तार किया था।
म्यांमार से भारत तक का सफर
2017 में बड़े पैमाने पर हिंसा के बाद लाखों रोहिंग्या बांग्लादेश भागे, लेकिन कई भारत में अवैध रूप से घुसे। देश में वर्तमान में रोहिंग्या की संख्या हजारों में है। यह जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हैदराबाद और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बसे हैं। वह अक्सर फर्जी दस्तावेजों से नौकरी और नागरिकता हासिल करने की कोशिश करते हैं। सैय्यद हुसैन की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगों में हलचल है, क्योंकि इलाका इंडस्ट्रियल है और यहां मजदूरों की बड़ी तादाद है।
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