एक्शन में आए SDM, रामलीला मैदान के पास गरजा बुलडोजर और फिर लोगों ने ली राहत की सांस
हापुड़ के रामलीला मैदान में अतिक्रमण को लेकर पिछले दो महीने से विवाद चल रहा था। रामलीला समिति की शिकायत के बाद एसडीएम ने हस्तक्षेप किया और रामलीला मैदान के गेट नंबर एक से तीन तक का अतिक्रमण हटवा दिया। समिति के पदाधिकारियों ने प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।

जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में रामलीला मैदान में फैले अतिक्रमण को लेकर पिछले करीब दो माह से हंगामा चल रहा है। रामलीला समिति के पदाधिकारी पिछले करीब दो माह से अतिक्रमण हटवाने के लिए अधिकारियों को ज्ञापन सौंप रहे थे, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा था।
वहीं, अब बृहस्पतिवार को उनकी समस्या का समाधान हो गया है। बृहस्पतिवार को रामलीला समिति के पदाधिकारी एसडीएम से मिलने पहुंचे तो उन्होंने रामलीला मैदान के गेट नंबर एक से लेकर तीन तक का अतिक्रमण हटवा दिया।
श्री रामलीला कमेटी के महामंत्री उमेश अग्रवाल ने बताया कि रामलीला मैदान के गेट नंबर एक से तीन तक अतिक्रमण हटवाने के लिए नगर पालिका के अधिकारियों से शिकायत की थी। साथ ही डीएम को भी पत्र सौंपकर इसे हटवाने के लिए मांग की थी। बुधवार को नगर पालिका की टीम मौके पर पहुंची भी थी।
उन्होंने आरोप लगाया है कि नगर पालिका के राजस्व निरीक्षक सुनील सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने उन्हें भी बुला लिया। सुनील सिंह ने अतिक्रमण करने वाले लोगों के सामने जानबूझकर उनसे पूछा कि कौन से पांच अवैध अतिक्रमण हटाने हैं। जिस पर अतिक्रमण करने वाले समेत अन्य लोग उन पर भड़क गए।
इस पर महामंत्री ने कहा था कि गेट नंबर एक से लेकर तीन तक जितने भी अतिक्रमण हो रहे हैं वह सभी हटाए जाने हैं। इस दौरान मौके पर जमकर हंगामा भी हो गया था। उन्होंने बताया कि इस दौरान हाथापाई तक की नौबत आ गई थी। मौके पर उपस्थित पुलिस ने मामले को शांत कराया।
इससे नाराज समिति के पदाधिकारी एसडीएम ईला प्रकाश से मिले और पूरी बात बताई। इस पर एसडीएम ने नगर पालिका के ईओ संजय कुमार मिश्रा, कर निर्धारण अधिकारी एससी भारतीय, राजस्व निरीक्षक सुनील सिंह समेत अन्य अधिकारियों को बुला लिया।
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इस दौरान समिति के पदाधिकारियों ने नगर पालिका के अधिकारियों पर विभिन्न आरोप लगाए। उन्होंने 24 घंटे में अतिक्रमण न हटाए जाने पर रामलीला के मंचन रोकने की चेतावनी दे दी। कुछ देर बाद ईओ ने सुनील सिंह को अतिक्रमण हटाओ अभियान की टीम से उन्हें हटा दिया। साथ ही मौके पर अन्य अधिकारियों को भेजकर अतिक्रमण को हटवा दिया।
इस दौरान प्रधान विनोद वर्मा, महामंत्री उमेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष अधिवक्ता शुभम गोयल, उप-प्रधान सुयष वशिष्ठ, संरक्षक अधिवक्ता अनिल आजाद, वरुण गोयल, रवि गर्ग आदि मौजूद रहे।
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