हापुड़ में चेक बाउंस के एक मामले में आरोपी को मिली एक साल की सजा, उधार लौटाने की नहींं थी नीयत
हापुड़ में चेक बाउंस के एक मामले में अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई है और 79 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। पीड़ित ने व्यापार के लिए आरोपी को पैसे उधार दिए थे लेकिन चेक बाउंस हो गया। वहीं एक अन्य मामले में नलकूप से चोरी करने के दोषी को भी सजा सुनाई गई है।

जागरण संवाददाता, हापुड़। चेक बाउंस के मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक आरोपित को दोषी करार दिया है। दोषी को एक साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही, उसे 79 हजार रुपये प्रतिकर (क्षति) के तौर पर अदा करने का भी आदेश दिया गया है।
व्यापारिक कार्य के लिए दिए थे रुपये
अधिवक्ता विजय कुमार ने बताया कि इंद्रलोक कॉलोनी निवासी विनित कुमार पाठक ने न्यायालय में परिवाद दायर किया था। परिवाद में कहा गया कि पीड़ित की गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन निवासी गिरीश रस्तोगी से पारिवारिक जान-पहचान थी। जुलाई 2021 में पीड़ित ने व्यापारिक कार्य के लिए गिरीश रस्तोगी को 50 हजार रुपये उधार दिए थे।
राशि लौटाने का दिया था आश्वासन
आरोपित ने 15 दिन के भीतर रुपये लौटाने का वादा किया था लेकिन समय बीत जाने के बाद भी रुपये वापस नहीं मिले। लगातार तगादा करने पर आरोपित ने 39,500 रुपये का एक चेक दिया, जिसका भुगतान 7 अगस्त 2021 को किया जाना था। शेष साढ़े दस हजार रुपये बाद में देने की बात कही गई थी।
चेक बाउंस होने पर भेजा नोटिस
चेक बैंक में जमा कराने पर वह बाउंस हो गया। इसके बाद 13 अक्टूबर 2021 को पीड़ित ने आरोपित को रजिस्टर्ड नोटिस भेजा लेकिन इसके बावजूद रुपये वापस नहीं मिले। इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय में परिवाद दायर किया।
अदालत ने सुनाया फैसला
मामले की सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ब्रह्मपाल सिंह की अदालत में हुई। अदालत ने आरोपित को दोषी करार देते हुए एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 79 हजार रुपये प्रतिकर अदा करने का आदेश दिया गया है। प्रतिकर न देने की स्थिति में आरोपित को तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
दरअसल, चेक बाउंस को लेकर लोग गंभीर नहीं होते हैं। ऐसे में कोर्ट का यह निर्णय उन लोगों के लिए जो चेक काअकर देने के बाद भी भुगतान से आनाकानी करते हैं, उनके लिए एक नज़ीर है।
चोरी के दोषी को भी सजा, नलकूप से सामान चोरी का मामला
एसपी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2024 में नलकूप से सामान चोरी के मामले में कोतवाली हापुड़ नगर पुलिस ने जिला गाजियाबाद के थाना भोजपुर क्षेत्र के असराला गांव निवासी शमशेर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी।
एक साल 20 दिन की सजा सुनाई
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने शमशेर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचक ने आरोपित के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी। मुकदमे की सुनवाई सीजेएम कोर्ट में चली।
सीजेएम ने आरोपित शमशेर को दोषी करार देते हुए एक साल 20 दिन के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
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