हापुड़ की संकरी गलियों में बारूद का ढेर, जिंदगियों पर मंडरा रहा खतरा और दिवाली से पहले एक्शन में पुलिस
हापुड़ में दिवाली से पहले अवैध पटाखा निर्माण का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। संकरी गलियों में बारूद का ढेर जमा है जिससे बड़े हादसे का खतरा है। पहले भी कई विस्फोटों में लोगों की जान जा चुकी है। पुलिस ने हाल ही में कई जगहों पर छापामारी करके लाखों रुपये के पटाखे जब्त किए हैं और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

केशव त्यागी, हापुड़। दिवली का त्योहार नजदीक है वहीं, हापुड़ जिले की संकरी गलियों में एक बार फिर मौत का सामान जमा हो रहा है। अवैध पटाखा निर्माण का काला कारोबार तेजी पकड़ चुका है। ऐसे में जिला बारूद के ढेर पर बैठा है
वहीं, एक छोटी सी चिंगारी भी भयंकर तबाही मचा सकती है। पिछले 15 दिनों में दो थाना क्षेत्रों में लाखों रुपये के अवैध पटाखों की खेप पकड़ी जा चुकी है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते यह धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा।
हादसों की त्रासदी से नहीं लिया सबक
जिले का नाम अवैध पटाखा निर्माण के लिए कुख्यात रहा है। पिछले विस्फोटों की गूंज आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। 2013 में एक घरेलू पटाखा निर्माण इकाई में हुए धमाके में चार लोगों की जान चली गई थी। इससे भी भयावह था चार जून 2022 का धौलाना विस्फोट, जब एमजी रोड औद्योगिक क्षेत्र में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में बायलर फटने से 13 कामगारों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हुए।
यह फैक्ट्री इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए लाइसेंसशुदा थी, लेकिन वहां खिलौना बंदूकों के लिए बारूद बनाया जा रहा था। इस हादसे में गिरफ्तार आरोपी वसीम ने खुलासा किया था कि हापुड़ से बने पटाखे पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में सप्लाई होते थे। आज भी पीड़ित परिवार उस त्रासदी को भूल नहीं पाए हैं।
संकरी गलियों में बारूद का खेल
हापुड़ शहर के बुलंदशहर रोड पर मजीदपुरा, पुराना बाजार, चाहकमाल, रफीक नगर और मोती कालोनी जैसे मोहल्लों में करीब 50 से अधिक घरों में अवैध पटाखों का भंडारण व निर्माण होता है। गढ़मुक्तेश्वर और पिलखुवा में भी दर्जनों स्थानों चोरी-छिपे यह धंधा चल रहा हैं। यह गलियां इतनी संकरी हैं कि वहां दमकल की गाड़ियां भी मुश्किल से पहुंच सकती हैं।
इस धंधे में महिलाओं और बच्चों को भी शामिल किया जा रहा है, जो जोखिम को और बढ़ाता है। दलालों की मदद से बारूद की व्यवस्था की जाती है और तैयार पटाखे कई राज्यों तक पहुंचाए जाते हैं। यहां एक छोटी सी चूक भयंकर हादसे को न्योता दे सकती है।
कागजों पर सख्ती, हकीकत में ढील
वर्ष 2018 तक जिले में पटाखा निर्माण का लाइसेंस दस लोगों के पास था। इनमें से सात लोग ऐसे थे, जो पटाखा निर्माण के साथ विक्रय भी कर सकते थे। इतना ही नहीं 14 लोग ऐसे थे, जिनके पास महज पटाखों को बिक्री करने का लाइसेंस था। वर्ष 2016 में तीन, वर्ष 2017 में तीन, वर्ष 2018 में 12, वर्ष 2019 में एक और वर्ष 2020 में चार लाइसेंस निरस्त कर दिए गए थे। बावजूद इसके जिले में पटाखा निर्माण और बिक्री के काम पर पूर्णत रोक नहीं लग सकी है।
हाल की कार्रवाई
- 28 सितंबर 2025: बाबूगढ़ थाना पुलिस ने सुनील को 5 लाख रुपये के पटाखों के साथ गिरफ्तार किया
- 27 सितंबर 2025: कोतवाली पुलिस ने आकाश और मोहित को 50 कार्टून अवैध पटाखों के साथ पकड़ा
- 17 सितंबर 2025: बहादुरगढ़ थाना पुलिस ने गोलू को 6 लाख रुपये के पटाखों के साथ गिरफ्तार किया
कुछ अन्य लोग जो इस धंधे में लिप्त हैं, उनकी धरपकड़ की जा रही है। किसी भी हाल में अवैध पटाखों का कारोबार नहीं होने दिया जाएगा। - ज्ञानंजय सिंह, एसपी
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