World Hepatitis Day: हापुड़ में एक साल में बढ़ गए हेपेटाइटिस के 314 मरीज, सभी का चल रहा इलाज
हापुड़ में हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है पिछले एक साल में 314 नए मामले दर्ज किए गए हैं। जिला अस्पताल में इन मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर लोगों को जागरूक किया गया और मुफ्त दवाइयाँ वितरित की गईं। हेपेटाइटिस के लक्षणों में थकान पेट दर्द और पीलिया शामिल हैं।

मुकुल मिश्रा, हापुड़। हेपेटाइटिस बीमारी का यदि समय पर उपचार न कराया जाए तो इसमें मरीज की जान तक चली जाती है। जिले में सबसे अधिक प्रकोप हेपेटाइटिस बी का है। इसके अलावा हेपेटाइटिस सी के मरीज भी जिले में मिल रहे हैं। जिले में हालत यह है कि पिछले एक वर्ष में हेपेटाइटिस बी व सी के 314 मरीज बढ़ गए हैं।
यह सभी मरीज जिला अस्पताल में पंजीकृत हैं। जबकि पिछले वर्ष जिला अस्पताल में 255 मरीज पंजीकृत थे। इस बीमारी से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रति वर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस मनाया जाता है।
विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस के मरीजों को दवाइयों का वितरण किया गया। जिला संक्रामक रोग अधिकारी डॉ. राजश्री पुंडीर ने बताया कि पूरे जिले में केवल जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस की जांच व उसका उपचार मिल रहा है।
अस्पताल में हेपेटाइटिस के कुल 314 मरीज पंजीकृत हैं। इनमें से 240 मरीज हेपेटाइटिस बी और 74 हेपेटाइटिस सी के हैं। जिला अस्पताल में वर्ष 2022 में हेपेटाइटिस का उपचार होना शुरू हुआ था। यह मरीज पिछले एक वर्ष में पंजीकृत किए गए हैं। इन मरीजों में से कुछ मरीज स्वस्थ भी हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में पंजीकृत मरीजों को नि:शुल्क दवाई उपलब्ध कराई जा रही हैं। बाजार में हेपेटाइटस का उपचार और इसकी दवाइयां काफी महंगी हैं। बाजार से मरीज को पांच से आठ हजार रुपये प्रतिमाह की दवाई मिलती है, जो जिला अस्पताल में नि:शुल्क दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस की बीमारी शराब पीने, मोटापा, डायबिटीज आदि से भी हो जाती है।
गांव जाकर लोगों को किया गया जागरूक
खेड़ा गांव में विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाया गया। इसमें सीएमओ डा. सुनील कुमार त्यागी समेत चिकित्सकों ने लोगों के स्वस्थ्य की जांच की। साथ ही लोगों को हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय बताए। लोगों को हेपेटाइटिस होने के कारण के बारे में भी बताया गया। वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल के सभागार में स्टाफ को हेपेटाइटिस के संबंध में ट्रेनिंग दी गई। इस दौरान डीटीओ डा. राजेश सिंह उपस्थित रहे।
हेपेटाइटिस के यह हैं लक्षण
- थकान महसूस होना
- पेट में दर्द बने रहना।
- भूख न लगना।
- उल्टी-दस्त की परेशानी होना।
- जोड़ों में दर्द और पीलिया होना।
बचाव के उपाय
- उपचार के दौरान नई सुई का प्रयोग करें।
- फल सब्जियों को धोकर ही प्रयोग में लाएं।
- स्ट्रीट फूड के सेवन से बचें।
- बच्चे के जन्म के समय हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण कराएं।
यह है हेपेटाइटिस बी और सी
हेपेटाइटिस बी वायरस से फैलने वाली बीमारी है। इसमें लीवर पर असर होता है। जबकि हेपेटाइटिस सी खून से फैलने वाली बीमारी है। यह एक व्यक्ति के प्रयोग किए गए इंजेक्शन से दूसरे व्यक्ति पर प्रयोग करने, एक ही ब्लेड प्रयोग करने या असुरक्षित योग संबंध बनाने से भी हो सकता है। यदि बच्चे के जन्म के समय मां इस बीमारी से संक्रमित है तो बच्चे को होने का भी खतरा रहता है।
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